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Uttarakhand: सीएम धामी ने लिया वायरल पत्र का संज्ञान, टिहरी उत्तरकाशी के डीपीआरओ के आदेश किए रद्द

मकानों पर नंबर प्लेट लगाने का मामला — मुख्यमंत्री ने दिए जांच और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश, बोले — “सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को मिले सर्वोच्च प्राथमिकता, पारदर्शिता और जनहित सर्वोपरि”

देहरादून, 14 अक्टूबर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मकानों पर नंबर प्लेट लगाने से जुड़े आदेशों के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी के जिला पंचायतराज अधिकारियों (DPRO) द्वारा जारी निर्देशों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।


वायरल पत्र बना विवाद का कारण

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं के प्रचार-प्रसार के तहत मकानों पर नंबर प्लेट लगाने का कार्य एक बाहरी व्यक्ति को सौंपा गया था।
इस निर्णय को लेकर स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों में नाराजगी देखी गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं इस मामले का संज्ञान लिया।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल आदेश रद्द करने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश दिए हैं।


पारदर्शिता और स्थानीय हित सर्वोपरि — मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जनहित, पारदर्शिता और स्थानीय हितों की रक्षा है।
उन्होंने कहा —

“सरकार के सभी कार्यक्रमों और योजनाओं का संचालन पारदर्शिता, निष्पक्षता और स्थानीय लोगों की सहभागिता के साथ होना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में बाहरी लोगों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए, जिसके तहत ₹10 करोड़ तक के सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी अनिवार्य है।


स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि सभी सरकारी कार्यों में स्थानीय युवाओं, ठेकेदारों और स्व-सहायता समूहों को प्राथमिकता मिले।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ाने से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि विकास के लाभ सीधे जनता तक पहुंचेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार “वोकल फॉर लोकल” की भावना को आगे बढ़ा रही है और इसका पालन हर विभाग को करना होगा।


जांच के आदेश, जवाबदेही तय होगी

मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले में जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर प्रक्रियात्मक अनियमितता या आदेशों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“हमारी सरकार की नीति साफ है — जनसेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही, पक्षपात या अपारदर्शिता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता का विश्वास सर्वोच्च है।”


धामी सरकार का जनकेंद्रित दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर सरकारी योजना का लाभ सीधा जनता तक पहुंचे
पिछले महीनों में भी मुख्यमंत्री ने कई बार निर्देश दिए हैं कि—

  • सरकारी खरीद और अनुबंधों में स्थानीय इकाइयों को वरीयता दी जाए।
  • स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन और ग्राम्य विकास योजनाओं में स्थानीय सहभागिता बढ़ाई जाए।
  • विकास कार्यों में पारदर्शिता और जन-जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

इस दिशा में यह निर्णय सरकार के “स्थानीय हित सर्वोपरि” सिद्धांत को और मजबूत करता है।


जनता में सकारात्मक संदेश

मुख्यमंत्री धामी के त्वरित हस्तक्षेप से जनता और जनप्रतिनिधियों में सकारात्मक संदेश गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक मिसाल है।

टिहरी और उत्तरकाशी के पंचायतराज अधिकारियों के विवादित आदेशों को रद्द करना मुख्यमंत्री धामी की सक्रिय और जवाबदेह शासनशैली को दर्शाता है।
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार का मूलमंत्र है —“जनहित पहले, पारदर्शिता हमेशा और स्थानीय हित सर्वोपरि।”

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