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उत्तर भारत में ठंड की दस्तक: हिमालय की चोटियों पर बर्फबारी, मैदानों में पारा गिरा; केरल में भारी बारिश का अलर्ट

नई दिल्ली: अक्टूबर का महीना खत्म होने से पहले ही उत्तर भारत में सर्दियों ने दस्तक दे दी है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तरी मैदानी इलाकों में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर, देश के दक्षिणी छोर पर स्थित केरल में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यानी, देश के उत्तर से लेकर दक्षिण तक मौसम ने करवट ले ली है।


उत्तराखंड और हिमाचल में सफेद चादर ओढ़े पहाड़

उत्तराखंड के केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब, औली और मुनस्यारी जैसे तीर्थ और पर्यटन स्थल बर्फबारी की वजह से एक बार फिर सफेद चादर से ढक गए हैं। गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों की ऊंची चोटियों पर लगातार हिमपात जारी है। बर्फबारी के बाद निचले इलाकों में भी ठंड का असर महसूस किया जा रहा है। कई स्थानों पर हल्की बारिश ने तापमान को और नीचे ला दिया है।

देवभूमि के पहाड़ी इलाकों में लोग अब स्वेटर और जैकेट पहनने लगे हैं। स्थानीय दुकानों पर ऊनी वस्त्रों की मांग बढ़ गई है और पर्यटकों ने भी शीतकालीन सफर की शुरुआत कर दी है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में और बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। इससे चारधाम यात्रा मार्गों पर भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

हिमाचल प्रदेश में भी ठंड का असर गहराने लगा है। लाहौल-स्पीति, कुल्लू और मंडी जिलों में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी है। ताजा बर्फबारी के कारण मनाली-लेह मार्ग एक बार फिर अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन ने यात्रियों को मौसम सामान्य होने तक पहाड़ी रास्तों पर अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है।


राष्ट्रीय राजधानी में भी गिरी ठंड की पहली परत

उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में भी ठंड ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली बार तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है। रविवार को भी न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.4 डिग्री कम था। वहीं अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के पास रहा, जो सामान्य से लगभग 4 डिग्री कम है।

दिल्लीवासियों के लिए सुबह और शाम के समय हल्की ठंड महसूस होने लगी है। पार्कों में मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों ने हल्के स्वेटर पहनने शुरू कर दिए हैं। कई इलाकों में हल्की धुंध भी नजर आने लगी है, जो यह संकेत दे रही है कि सर्दियां अब ज्यादा दूर नहीं हैं।


आईएमडी का पूर्वानुमान: अगले कुछ दिन मौसम रहेगा शुष्क और सुहावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। मंगलवार को भी मौसम लगभग ऐसा ही रहने की संभावना है, जब अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के मध्य तक दिल्ली-एनसीआर में दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन सुबह-शाम हल्की ठंड और धुंध बढ़ेगी। यह ट्रांजिशन पीरियड नवंबर की शुरुआत तक जारी रह सकता है।


केरल में भारी बारिश का अलर्ट, अरब सागर में चक्रवाती सिस्टम सक्रिय

जहां एक ओर उत्तर भारत सर्द हवाओं की चपेट में आने लगा है, वहीं दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश का खतरा बढ़ गया है। भारत मौसम विभाग ने केरल में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक, अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) सक्रिय हो गया है, जो अगले कुछ दिनों में मौसम को और अधिक प्रभावित कर सकता है।

11 से 15 अक्टूबर के बीच राज्य में हल्की से लेकर भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है। आईएमडी ने विशेष रूप से पत्तनमतिट्टा, इडुक्की, पालक्काड, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक की भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग ने चेताया है कि 12 से 17 अक्टूबर के बीच राज्य के एक या दो हिस्सों में हर 24 घंटे में 7 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की जा सकती है। ऐसे में अधिकारियों को भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसे खतरों से सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।


मौसम के बदलते स्वरूप पर विशेषज्ञों की नजर

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत में जो ठंड महसूस की जा रही है, वह हिमालयी क्षेत्र में ताजा बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर का नतीजा है। अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ही इतनी जल्दी तापमान में गिरावट यह संकेत देती है कि इस साल सर्दियां औसत से कुछ पहले और संभवतः ज्यादा ठंडी हो सकती हैं।

इधर, दक्षिण भारत में सक्रिय चक्रवाती प्रणाली मानसून की वापसी में देरी कर रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर के ऊपर नमी की अधिकता और हवा के निम्न दबाव वाले क्षेत्र के कारण केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में अक्टूबर के मध्य तक भारी बारिश होती रहेगी।


पर्यटन और कृषि पर असर

उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फबारी के कारण जहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है, वहीं स्थानीय किसानों के लिए यह राहत की खबर है। तापमान में गिरावट के चलते सेब और अन्य बागवानी फसलों की गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है।
वहीं, केरल में लगातार बारिश से धान और मसाले की फसलों पर असर पड़ सकता है। राज्य सरकार ने कृषि विभाग और जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा है ताकि बाढ़ या जलभराव की स्थिति में फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


एक देश, दो मौसम — सर्दी और बरसात साथ-साथ

इस समय भारत का मौसम मानो दो विपरीत चेहरों में बंट गया है। उत्तर भारत में जहां सर्द हवाएं अपने कदम जमा रही हैं, वहीं दक्षिण भारत में मानसूनी बारिश अब भी सक्रिय है। हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर अरब सागर के उफनते बादलों तक, देश का मौसम बदलाव के दौर से गुजर रहा है।

आने वाले हफ्तों में उत्तर भारत में तापमान और नीचे जा सकता है, जबकि दक्षिण भारत में बारिश का असर धीरे-धीरे कम होगा। मौसम विभाग की मानें तो अक्टूबर का यह बदलाव पूरे भारत में मौसम के अगले छह महीनों की दिशा तय करेगा — ठंडी सुबहें, साफ आसमान और कभी-कभार की बारिशें अब मौसम का नया अध्याय लिखने को तैयार हैं।

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