
देहरादून, 12 अगस्त 2025 (रविवार): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नई दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘पंतनगर प्रवाह’ का विमोचन किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कृषि मेलों के आयोजन केवल प्रदर्शनी का माध्यम नहीं, बल्कि किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का सशक्त मंच हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन किसानों को नई तकनीकों, उन्नत बीजों और वैज्ञानिक विधियों से जोड़कर खेती को अधिक उत्पादक और टिकाऊ बनाने में सहायक हैं।
🔹 मेले में 400 से अधिक स्टॉल, 200 से ज्यादा स्टार्टअप्स की भागीदारी
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस वर्ष के किसान मेले में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 200 से ज्यादा कृषि स्टार्टअप्स और उद्योगों ने हिस्सा लिया है। देशभर से आए वैज्ञानिकों, उद्यमियों और किसानों की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक राष्ट्रीय स्तर के कृषि नवाचार मंच का रूप दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में लगे आधुनिक कृषि यंत्रों, ड्रोन तकनीक, जैविक उत्पादों और बीज नवाचारों के स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता है कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों को अपनाएं, ताकि खेती लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित हो सके।
🔹 किसानों के हित में सरकार के ठोस कदम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार किसानों के उत्थान और आयवृद्धि के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों को अब तीन लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
साथ ही, “फार्म मशीनरी बैंक योजना” के तहत 80 प्रतिशत तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि—
- नहरों से सिंचाई को पूरी तरह निशुल्क कर दिया गया है।
- पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अब तक 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं।
- गेहूं पर ₹20 प्रति क्विंटल बोनस और गन्ना मूल्य में ₹20 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
- 1,000 करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’ को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में बागवानी को नई दिशा देने के लिए सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू की है। इन नीतियों के अंतर्गत किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
🔹 “कृषि को विकास का इंजन मानकर आगे बढ़ रही है सरकार”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता कृषि क्षेत्र को मजबूत करना है। उन्होंने कहा, “हमने कृषि को विकास का प्रमुख इंजन माना है। इसी दृष्टि से किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों के कल्याण के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11 करोड़ किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिनमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान कर रही है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को उनकी मिट्टी की वैज्ञानिक जांच के आधार पर पोषक तत्वों की जानकारी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की लागत घटाकर आय को दोगुना करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
🔹 वैज्ञानिकों और युवाओं से मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक शोध को जोड़ें, ताकि नई तकनीकें सीधे किसानों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने सदियों तक अपनी कृषि सभ्यता को संरक्षित रखा है। हमें उसी परंपरा को आधुनिक अनुसंधान के साथ जोड़ना होगा।”
उन्होंने युवाओं से भी आह्वान किया कि वे खेती को रोजगार का माध्यम मानें और कृषि स्टार्टअप्स में नवाचार को बढ़ावा दें।
🔹 समान नागरिक संहिता और नकल विरोधी कानून पर बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम के दौरान राज्य में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) और नकल विरोधी कानून पर भी विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की स्थापना करना है, न कि किसी धर्म विशेष के खिलाफ कार्य करना।
उन्होंने कहा, “हमने अनुभव किया कि अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण समाज में असमानता बनी रही। समान नागरिक संहिता ने इन भेदभावों को समाप्त कर उत्तराखंड को समान अधिकारों वाला राज्य बनाया है।”
🔹 विश्वविद्यालय की प्रगति और आंकड़े
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं और अब तक 20 हजार से अधिक किसानों ने इसमें प्रतिभाग किया है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय ₹2.61 लाख तक पहुँच चुकी है, जो 26 प्रतिशत ग्रोथ दर को दर्शाती है।
कार्यक्रम में रही व्यापक भागीदारी
कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, विश्वविद्यालय के अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान, वैज्ञानिक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।