
देहरादून, शनिवार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की सड़क व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सड़कों को जल्द से जल्द गड्ढा मुक्त किया जाए, ताकि आम जनता को बेहतर और सुरक्षित यातायात सुविधा उपलब्ध हो सके।
बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) एवं अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में राज्यभर में 52 प्रतिशत पैच वर्क का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष कार्यों को पूर्ण करने के लिए फील्ड स्तर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश — “गति और गुणवत्ता दोनों पर हो समान ध्यान”
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क मरम्मत और गड्ढा-मुक्त अभियान को शीघ्रतम समयसीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सर्दी से पहले प्रदेश की सभी प्रमुख, ग्रामीण और संपर्क सड़कों को बेहतर स्थिति में लाया जाए, जिससे नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जनता को सुविधा देना ही सरकार का सबसे बड़ा दायित्व है। हर सड़क, हर पुल, और हर संपर्क मार्ग का दुरुस्त होना सीधे जनता के जीवन से जुड़ा हुआ विषय है। इसलिए इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “गति के साथ-साथ गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। हर कार्य का फील्ड निरीक्षण किया जाए और जवाबदेही तय की जाए।”
प्रभारी सचिवों को जिलों के नियमित भ्रमण का निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासन के प्रभारी सचिवों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जनपदों का नियमित भ्रमण करें, स्थानीय जनता से सीधा संवाद स्थापित करें और यह सुनिश्चित करें कि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
उन्होंने कहा कि जनसंपर्क और जनसंवाद शासन की आत्मा है, और जब अधिकारी स्वयं फील्ड में जाकर निरीक्षण करेंगे, तब योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि “सरकार की प्रत्येक योजना का उद्देश्य आमजन तक राहत और सुविधा पहुँचाना है। इसलिए जनपद स्तर पर निरीक्षण और समीक्षा नियमित रूप से होनी चाहिए।”
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण को मिली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे निर्माण और पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त पुलों, सड़कों और आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का पुनर्निर्माण शीघ्रता और गुणवत्ता के साथ किया जाए, ताकि स्थानीय जनता को शीघ्र राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी लाना मानवीय संवेदनशीलता का विषय है। सरकार का लक्ष्य है कि ऐसी किसी भी स्थिति में प्रभावित नागरिकों को आवश्यक सुविधाएँ शीघ्र उपलब्ध कराई जा सकें।”
उन्होंने यह भी कहा कि नए पुलों के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए और तकनीकी स्वीकृतियों तथा प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और त्वरित बनाया जाए, ताकि कोई परियोजना लंबे समय तक अटकी न रहे।
गुणवत्ता और पारदर्शिता पर मुख्यमंत्री का विशेष बल
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी प्रशासन और गुणवत्तापूर्ण विकास कार्यों के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर निर्माण कार्य का नियमित मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाए, जिसमें स्थानीय स्तर पर भी जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि “विकास का उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब जनता को उसके परिणाम सीधे तौर पर महसूस हों। सड़कें, पुल, और बुनियादी ढाँचे न केवल आवागमन के साधन हैं, बल्कि यह जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का माध्यम भी हैं।”
“सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अधिकार हर नागरिक का”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, जहाँ सड़कों की स्थिति लोगों के दैनिक जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन से सीधा संबंध रखती है।
उन्होंने कहा कि “सुरक्षित, सुगम और सुविधाजनक यात्रा हर नागरिक का अधिकार है। इसलिए हमारी सरकार इस दिशा में तेजी से और जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में सड़क बुनियादी ढाँचे को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। भविष्य में सड़क मरम्मत और निर्माण कार्यों की डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणाली लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे कार्यों की प्रगति रियल टाइम में देखी जा सके।
राज्य सरकार का लक्ष्य — ‘गड्ढा मुक्त उत्तराखंड’
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी महीनों के लिए ‘गड्ढा मुक्त उत्तराखंड’ का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसके तहत राज्य के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाया जाएगा और संबंधित विभागों को समयबद्ध एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता की सुविधा से बड़ा कोई विकास नहीं होता। जब सड़कों की स्थिति अच्छी होगी, तभी निवेश, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। इसलिए हर विभाग का यह सामूहिक दायित्व है कि इस लक्ष्य को समय से पूरा किया जाए।”
बैठक में रहे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, अपर सचिव विनीत कुमार, तथा लोक निर्माण विभाग (PWD) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे जमीनी स्तर पर कार्यों की समीक्षा करें और हर जिले से साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारा लक्ष्य केवल सड़कों की मरम्मत नहीं, बल्कि उत्तराखंड के विकास का मार्ग प्रशस्त करना है। हर सड़क, हर पुल, जनता की सुविधा और राज्य की प्रगति की डोर है — और इसे मजबूती से थामना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”