
देहरादून, 10 अक्टूबर 2025: राज्य में आगामी त्यौहारों — जैसे दशहरा, दीपावली, ईद-ए-मिलाद और छठ पर्व — के दौरान सुचारू एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आज सचिव गृह शैलेश बगोली की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP), यातायात निदेशालय के अधिकारी, नगर निगम प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में सचिव गृह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि त्यौहारों के समय बाजारों, धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात संचालन को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएँ। उन्होंने कहा कि “जनसुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्थिति में आमजन को अनावश्यक परेशानी न हो, इसके लिए अधिकारी स्वयं फील्ड में रहकर यातायात व्यवस्था की निगरानी करें।”
देहरादून में विशेष प्रबंध और अतिरिक्त बल की तैनाती
त्यौहारों के दौरान संभावित भीड़ और वाहनों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए देहरादून में एक कंपनी IRB या PAC की तैनाती का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही होमगार्ड और पीआरडी कर्मियों की सेवाएँ भी ली जाएँगी ताकि यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों, धार्मिक स्थलों और बस अड्डों की पहचान कर वहाँ पर्याप्त संख्या में ट्रैफिक पुलिस कर्मी और स्वयंसेवक तैनात किए जाएँगे। सचिव गृह ने निर्देश दिए कि सभी तैनात कर्मियों को स्पष्ट रूप से अपने क्षेत्र का जिम्मा सौंपा जाए और आवश्यकता पड़ने पर रोटेशन के आधार पर शिफ्टें निर्धारित की जाएँ, ताकि किसी क्षेत्र में निगरानी में कमी न रहे।
ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी की निगरानी पुलिस नियंत्रण में
बैठक में एक अहम निर्णय यह भी लिया गया कि सभी ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे पुलिस विभाग के नियंत्रण में लाए जाएँ। इससे रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी और किसी भी भीड़ या जाम की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। सचिव बगोली ने कहा कि “सीसीटीवी फुटेज से ट्रैफिक फ्लो का विश्लेषण कर वैकल्पिक रूट्स की व्यवस्था समय रहते की जा सकेगी। इससे जनता को अनावश्यक विलंब या परेशानी से बचाया जा सकेगा।”
पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया कि 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय रखा जाए और आवश्यकतानुसार सोशल मीडिया, रेडियो और अन्य माध्यमों के जरिए नागरिकों को ट्रैफिक अपडेट उपलब्ध कराए जाएँ।
ट्रैफिक प्लान विशेषज्ञों की मदद से होगा तैयार
सचिव गृह ने यातायात निदेशालय को निर्देशित किया कि विशेषज्ञों की मदद लेकर एक समग्र ट्रैफिक प्रबंधन योजना तैयार की जाए। इस योजना में पैदल यात्रियों, दोपहिया वाहनों, सार्वजनिक परिवहन और आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग रूट निर्धारण पर बल दिया गया।
उन्होंने कहा कि ट्रैफिक प्लान को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम, स्मार्ट सिटी, लोक निर्माण विभाग (PWD), परिवहन विभाग और अर्बन डेवलपमेंट एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क मरम्मत, अतिक्रमण हटाने और पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी इन विभागों के बीच तालमेल अत्यावश्यक है।
“प्रभावी यातायात प्रबंधन केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी शहरी एजेंसियों का साझा दायित्व है। सभी विभाग एकीकृत रूप से काम करें, ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो,”
सचिव शैलेश बगोली ने कहा।
आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के निर्देश
सचिव गृह ने यह भी कहा कि यातायात निदेशालय को मानव संसाधन, तकनीकी साधन और आधारभूत संरचना के दृष्टिकोण से सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने कहा कि “ट्रैफिक मैनेजमेंट केवल मौसमी या त्यौहारों के समय की चुनौती नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक रणनीतिक कार्य है। इसके लिए प्रशिक्षित कर्मी, आधुनिक उपकरण और तकनीकी समर्थन आवश्यक है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रैफिक पुलिस को आधुनिक हैंड-हेल्ड कम्युनिकेशन डिवाइसेस, ड्रोन कैमरे और स्मार्ट ट्रैफिक सेंसर सिस्टम जैसे साधनों से लैस किया जाए। साथ ही, विभागीय कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएँ, ताकि वे नई तकनीकों के उपयोग में दक्ष हो सकें।
आपात सेवाओं के मार्ग हर समय रहेंगे सुगम
सचिव गृह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि त्यौहारों के दौरान एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन और अन्य आपात सेवाओं के मार्ग हर समय सुगम और अवरोध-मुक्त रहें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में “गोल्डन ऑवर” के महत्व को ध्यान में रखते हुए सभी जिला एवं पुलिस प्रशासन आपसी तालमेल से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करें।
इसके लिए प्रत्येक जिले में क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को अलर्ट मोड पर रखा जाएगा और ट्रैफिक कंट्रोल रूम से उनका सीधा समन्वय रहेगा।
जनसहयोग और जागरूकता पर भी जोर
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि केवल प्रशासनिक उपायों से नहीं, बल्कि जनसहयोग और जागरूकता से ही ट्रैफिक व्यवस्था को सफल बनाया जा सकता है। सचिव गृह ने नागरिकों से अपील की कि वे नियमों का पालन करें, वाहन पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों का ही उपयोग करें और किसी भी प्रकार की अवैध पार्किंग या अवरोधक गतिविधि से बचें।
यातायात पुलिस को निर्देशित किया गया कि वे जन-जागरूकता अभियानों को गति दें — विशेषकर सोशल मीडिया, रेडियो और पब्लिक ऐलान के माध्यम से। स्कूलों और कॉलेजों में “सेफ ट्रैफिक अवेयरनेस ड्राइव” भी चलाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि युवा वर्ग यातायात अनुशासन के प्रति संवेदनशील बने।
यातायात व्यवस्था पर निरंतर निगरानी
सचिव गृह ने निर्देश दिए कि आगामी त्यौहारों तक दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा की जाए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी स्वयं क्षेत्र का निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठाएँ।
“त्यौहार खुशियों का समय होता है, न कि अव्यवस्था या असुविधा का। हमें यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक सुरक्षित और सहज माहौल में अपने पर्व मना सकें,”
उन्होंने कहा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देहरादून शहर के अलावा हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश और नैनीताल जैसे प्रमुख नगरों में भी स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए इसी प्रकार की समन्वय बैठकें आयोजित की जाएँगी, ताकि राज्य स्तर पर एक समान और प्रभावी यातायात प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
उत्तराखण्ड सरकार का यह निर्णय न केवल त्यौहारों के समय व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास है, बल्कि यह राज्य में दीर्घकालिक ट्रैफिक मैनेजमेंट विज़न की दिशा में एक कदम है। सचिव गृह शैलेश बगोली के नेतृत्व में हुई यह बैठक इस बात का संकेत है कि राज्य प्रशासन अब यातायात व्यवस्था को केवल पुलिसिंग का विषय नहीं, बल्कि नागरिक सुविधा और शहरी विकास के अंग के रूप में देख रहा है।