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मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने किया एनआईसी उत्तराखण्ड की त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड’ का विमोचन

शासन, तकनीक और नागरिकों के बीच सेतु बनेगा यह डिजिटल प्रकाशन

देहरादून, 10 अक्टूबर 2025: उत्तराखण्ड सरकार ने डिजिटल नवाचार और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत की है। राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) उत्तराखण्ड की प्रथम त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रकाशन राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी पहलों, सफल परियोजनाओं और नवाचारों को जन-जन तक पहुँचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल युग में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता का स्तर तभी बढ़ सकता है जब तकनीक और प्रशासन एक साथ आगे बढ़ें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘द डिजिटल थ्रेड’ राज्य सरकार की उन डिजिटल पहलों को उजागर करेगा जो नागरिक सेवाओं को अधिक सुलभ, तेज़ और पारदर्शी बना रही हैं।

“यह न्यूज़लेटर शासन, तकनीक और नागरिकों के बीच सेतु का कार्य करेगा। इसके माध्यम से राज्य के नागरिकों को न केवल सरकारी डिजिटल सेवाओं की जानकारी मिलेगी, बल्कि यह भी समझ में आएगा कि तकनीक किस तरह उनके जीवन को सरल बना रही है,”
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा।

एनआईसी की प्रतिबद्धता और भूमिका

राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी संजय गुप्ता ने इस अवसर पर बताया कि एनआईसी उत्तराखण्ड, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तकनीकी साझेदारी को मजबूत बनाते हुए एनआईसी ने पिछले वर्षों में उत्तराखण्ड में कई ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक लागू किया है।

उन्होंने कहा कि न्यूज़लेटर के माध्यम से विभाग की प्रमुख परियोजनाओं, जैसे कि ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, राजस्व न्यायालय पोर्टल, सीएम डैशबोर्ड, राज्य डेटा सेंटर और अन्य आईटी पहलें, अब एक ही मंच पर प्रस्तुत की जा सकेंगी। इससे नीति-निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और आम जनता के बीच संवाद बढ़ेगा।

“‘द डिजिटल थ्रेड’ न केवल एनआईसी की उपलब्धियों का दस्तावेज़ होगा, बल्कि यह अन्य विभागों को भी प्रेरित करेगा कि वे तकनीक के माध्यम से नागरिकों तक बेहतर सेवाएँ कैसे पहुँचा सकते हैं,” गुप्ता ने कहा।

डिजिटल उत्तराखण्ड की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

उत्तराखण्ड सरकार हाल के वर्षों में ‘डिजिटल उत्तराखण्ड’ की अवधारणा को साकार करने में निरंतर प्रगति कर रही है। राज्य में डिजिटल सेवाओं के माध्यम से शासन को नागरिकों के करीब लाने की दिशा में कई उल्लेखनीय प्रयास हुए हैं।

ई-ऑफिस प्रणाली ने सरकारी कार्यों की गति बढ़ाने और फाइल प्रबंधन को पारदर्शी बनाया है। वहीं ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से जन्म प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र जैसी सेवाएँ अब ऑनलाइन मिल रही हैं। राजस्व न्यायालय प्रणाली ने न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता लाई है। इसके अतिरिक्त, राज्य स्तर पर विकसित मुख्यमंत्री डैशबोर्ड शासन को रियल-टाइम डेटा एनालिसिस की सुविधा देता है, जिससे नीति-निर्माण अधिक सटीक और प्रभावी बन रहा है।

एनआईसी उत्तराखण्ड की टीम द्वारा तैयार किया गया न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड’ इन सभी पहलों को एक समग्र रूप में प्रस्तुत करेगा। इसमें विभिन्न जिलों के डिजिटल प्रोजेक्ट्स, कर्मचारियों की तकनीकी उपलब्धियाँ, नवाचारों की कहानियाँ और भविष्य की योजनाओं को भी स्थान दिया गया है।

सूचना का लोकतंत्रीकरण और पारदर्शिता की दिशा में पहल

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि डिजिटल माध्यमों के जरिए शासन को जनता तक पहुँचाना ही सच्चे अर्थों में लोकतांत्रिक प्रशासन की पहचान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं का डिजिटलीकरण नहीं, बल्कि सूचना का लोकतंत्रीकरण है — ताकि हर नागरिक को समान अवसर और पारदर्शी सूचना मिले।

उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल तकनीक केवल सुविधा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का माध्यम है। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ने और ई-गवर्नेंस सेवाओं के विस्तार से आज राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी मुख्यधारा की विकास योजनाओं से जुड़ पा रहे हैं।

“एनआईसी जैसी संस्थाएं इस परिवर्तन की रीढ़ हैं। उनके बिना शासन में पारदर्शिता और कुशलता लाना संभव नहीं होता। ‘द डिजिटल थ्रेड’ इस दिशा में एक सार्थक और प्रेरक प्रयास है,”
मुख्य सचिव ने कहा।

कार्यक्रम में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित

विमोचन समारोह में ए.एस.आई.ओ. (जिला) राजीव जोशी, संयुक्त निदेशक (आईटी) चंचल गोयल, शिवानी गोठी, रोहित चंद्रा, उप निदेशक (आईटी) प्रीति जोशी एवं अनुज धनगर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सभी अधिकारियों ने इस पहल को राज्य की डिजिटल प्रगति के लिए ऐतिहासिक बताया।

‘द डिजिटल थ्रेड’ – तकनीकी नवाचारों का अभिलेख

एनआईसी द्वारा तैयार यह त्रैमासिक न्यूज़लेटर, राज्य की आईटी उपलब्धियों का एक प्रलेख (डॉक्युमेंटेशन) होगा। इसमें विभागीय परियोजनाओं की तकनीकी चुनौतियाँ, उनके समाधान, डेटा प्रबंधन की नई तकनीकें और नागरिक-केंद्रित सेवाओं के उदाहरण शामिल होंगे। इस न्यूज़लेटर का उद्देश्य तकनीकी कर्मियों के बीच ज्ञान-साझाकरण (Knowledge Sharing) को बढ़ावा देना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

एनआईसी के अधिकारी बताते हैं कि आगामी अंकों में राज्य के विभिन्न जिलों में लागू डिजिटल प्रयोगों, क्लाउड-आधारित सेवाओं, साइबर सुरक्षा उपायों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर भी विशेष लेख प्रकाशित किए जाएंगे। इससे यह न्यूज़लेटर केवल प्रशासनिक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक तकनीकी ज्ञान मंच के रूप में भी कार्य करेगा।

डिजिटल इंडिया से स्थानीय नवाचार तक

भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत उत्तराखण्ड ने बीते वर्षों में कई पहलें की हैं। राज्य के लगभग सभी विभागों में अब ई-गवर्नेंस सिस्टम लागू हो चुके हैं। डिजिटल पेमेंट, भू-अभिलेख प्रबंधन, ड्रोन सर्वे, भू-सूचना प्रणाली (GIS) और हेल्थ टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति हो रही है।

एनआईसी उत्तराखण्ड इन सभी क्षेत्रों में तकनीकी मार्गदर्शन और प्लेटफॉर्म सपोर्ट प्रदान कर रहा है। ऐसे में ‘द डिजिटल थ्रेड’ राज्य की डिजिटल यात्रा को एक दिशा और पहचान देने वाला मंच बन सकता है।

उत्तराखण्ड सरकार की यह पहल केवल एक प्रकाशन का विमोचन नहीं, बल्कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की नई दिशा का उद्घोष है। इस न्यूज़लेटर के माध्यम से सरकार, तकनीक और नागरिकों के बीच संवाद मजबूत होगा, पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रशासनिक दक्षता में सुधार आएगा।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने अपने संबोधन में कहा कि “डिजिटल शासन का उद्देश्य केवल प्रक्रियाओं को ऑनलाइन लाना नहीं, बल्कि नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाना है। ‘द डिजिटल थ्रेड’ उसी सोच का प्रतीक है।”

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