
जम्मू-कश्मीर: उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से सक्रिय खराब मौसम ने एक बार फिर माता वैष्णो देवी यात्रा को प्रभावित कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा को आगामी 5 से 7 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी किए गए मौसम संबंधी अलर्ट को देखते हुए लिया गया है।
श्राइन बोर्ड का बड़ा फैसला
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि खराब मौसम को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका जा रहा है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इन तिथियों में यात्रा की योजना न बनाएं और मौसम सामान्य होने के बाद ही दर्शन के लिए आएं।
श्राइन बोर्ड का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरत सकता। भारी बारिश, भूस्खलन और तेज़ हवाओं की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अगस्त में हुआ था बड़ा हादसा
गौरतलब है कि हाल ही में 26 अगस्त 2025 को त्रिकुटा पहाड़ियों के पास हुई भारी बारिश और विनाशकारी भूस्खलन ने 22 दिनों तक यात्रा को पूरी तरह ठप कर दिया था। उस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस त्रासदी के बाद यात्रा 17 सितंबर को ही फिर से शुरू हुई थी।
उसके बाद से नवरात्र के दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यात्रा पूरी तरह सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन बदलते मौसम ने एक बार फिर खतरे का अलार्म बजा दिया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने जम्मू संभाग और खासतौर पर कटरा से भैरो घाटी तक के इलाके में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश, तेज़ हवाओं और भूस्खलन की आशंका जताई है।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने तुरंत यह निर्णय लिया ताकि यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके।
प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
श्राइन बोर्ड और जिला प्रशासन ने कहा है कि इस अवधि में सुरक्षा एजेंसियां और आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर रहेंगी। पुलिस, सीआरपीएफ और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
नवरात्रि के दौरान भी बहुस्तरीय सुरक्षा ग्रिड लागू किया गया था, जिसमें पुलिस, अर्धसैनिक बलों और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को शामिल किया गया। अब एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।
श्रद्धालुओं की निराशा
यात्रा रुकने की खबर से देशभर से आने वाले लाखों श्रद्धालु निराश हैं। खासतौर पर नवरात्र के बाद के समय में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए माता वैष्णो देवी मंदिर आते हैं।
दिल्ली से पहुंचे श्रद्धालु राजेश गुप्ता ने बताया – “हमने महीनों पहले यात्रा की योजना बनाई थी, लेकिन मौसम की वजह से रोक लग गई। हालांकि हम समझते हैं कि जान की सुरक्षा सबसे अहम है।”
वहीं, गुजरात से आई श्रद्धालु मीना देवी ने कहा – “पिछले साल भी मौसम के कारण हमें दर्शन स्थगित करने पड़े थे। इस बार भी ऐसा हुआ, लेकिन यह माता रानी की मर्जी है। हम दोबारा दर्शन के लिए जरूर आएंगे।”
उपराज्यपाल ने की प्रार्थना
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वयं माता वैष्णो देवी के गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के लिए शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
उनकी इस यात्रा के बाद मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में “जय माता दी” के जयघोष गूंजते रहे।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर असर
वैष्णो देवी यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की पर्यटन और अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी मानी जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और स्थानीय कारोबार, होटल-धंधे और ट्रांसपोर्ट को इससे बड़ी राहत मिलती है।
यात्रा बार-बार रुकने से स्थानीय व्यवसायियों पर सीधा असर पड़ता है। कटरा के होटल व्यवसायी संजीव अरोड़ा कहते हैं – “हर बार जब यात्रा बंद होती है तो हमारा नुकसान करोड़ों में होता है। लेकिन हम समझते हैं कि सुरक्षा सबसे जरूरी है।”
भविष्य की चुनौतियाँ
लगातार बदलते मौसम और पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते भूस्खलन से निपटना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण जम्मू-कश्मीर समेत हिमालयी क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं में इजाफा हो रहा है।
स्थानीय पर्यावरणविद डॉ. संजय कौल का कहना है – “बारिश का पैटर्न बदल रहा है। छोटी अवधि में भारी बारिश से पहाड़ों पर दबाव बढ़ रहा है और भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसी परिस्थितियों में यात्राओं का स्थगित होना स्वाभाविक है।”
श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की अपील
श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से कहा है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम अपडेट और प्रशासन की एडवाइजरी ज़रूर देखें। बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिन पर श्रद्धालु संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
माता वैष्णो देवी यात्रा के स्थगित होने से जहां लाखों श्रद्धालुओं को निराशा हुई है, वहीं यह कदम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से आवश्यक है। बार-बार आ रही प्राकृतिक आपदाओं ने एक बार फिर यह साबित किया है कि आस्था जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी है।
अभी यात्रा स्थगित है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था अडिग है। सबको इंतजार है कि जल्द ही मौसम सामान्य हो और एक बार फिर “जय माता दी” के उद्घोष के बीच लाखों भक्त माता के दरबार में पहुंच सकें।