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Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने किया वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ, पीड़ित परिवार की सहायता राशि बढ़ाकर 10 लाख करने का ऐलान

"वन्यजीव हमारी संस्कृति और आस्था का हिस्सा, राज्य सरकार संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध" – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून जू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु वन्य जीवों के हमले में होती है तो पीड़ित परिवार को अब तक मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह कदम उन परिवारों को सहारा देगा जिनकी आजीविका पर जंगली जानवरों के हमलों का गहरा असर पड़ता है।

वन्यजीव हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सनातन संस्कृति में वन्यजीवों का संरक्षण हमेशा से हमारी जीवन पद्धति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा, “मां दुर्गा का वाहन शेर है, गणेश जी का मूषक, सरस्वती मां का हंस, भगवान कार्तिकेय का मोर और लक्ष्मी जी का उल्लू। यहां तक कि महादेव के गले में नागराज और साथ में नंदी विराजमान हैं। यह सब इस बात का प्रतीक है कि हमारे देवी-देवता भी जीव-जगत और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व का संदेश देते हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम वन्यजीवों और प्रकृति का संरक्षण करें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन्हें करीब से देख सकें।

उत्तराखंड में संरक्षित क्षेत्र देश से कहीं अधिक

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य की लगभग 14.77 प्रतिशत भूमि संरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित है। इसमें 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र शामिल हैं। जबकि पूरे देश का औसत मात्र 5.27 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह अंतर इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड पर्यावरणीय संरक्षण और प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए गहरी प्रतिबद्धता रखता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की हरियाली और यहां विचरण करने वाले वन्य जीव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक जंगल सफारी और इको-टूरिज्म के लिए उत्तराखंड का रुख करते हैं।

इको-टूरिज्म मॉडल पर काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक नए इको-टूरिज्म मॉडल पर काम कर रही है। इस मॉडल का उद्देश्य है कि लोग जंगलों से जुड़ें और उनकी सुंदरता को नजदीक से देख सकें, लेकिन साथ ही प्राकृतिक स्वरूप को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक नए पर्यटन स्थल की पहचान कर उसे विकसित करें और पर्यटकों के लिए सुलभ बनाएं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष पर सख्ती से काम

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्वीकार किया कि बाघ, गुलदार, हाथी और हिम तेंदुए जैसे दुर्लभ वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि उत्साहजनक है, लेकिन इनके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष भी तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ड्रोन और जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। इसके जरिए वन्यजीवों की लगातार निगरानी की जा रही है।

साथ ही स्थानीय लोगों को आजीविका के नए अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वे जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा में सक्रिय भागीदार बनें।

“सीएम यंग ईको-प्रिन्योर” स्कीम ला रही रंग

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक लाख युवाओं को “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर” बनाने का लक्ष्य रखा था और अब यह योजना धरातल पर उतर रही है। इसके तहत युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पाइलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और इको-टूरिज्म उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

इसके अलावा, अब प्रदेश के हर जिले में इको क्लब बनाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से छात्रों को वन्यजीवों से संबंधित शैक्षिक यात्राओं और गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।

पीएम मोदी के “लाइफ फॉर एनवायरनमेंट” का जिक्र

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि धरती को बचाने का एक मंत्र है। उन्होंने अपील की कि पर्यटक जब भी जंगल सफारी या धार्मिक पर्यटन स्थलों पर जाएं, वहां गंदगी न फैलाएं और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दें।

वन मंत्री और अन्य नेताओं ने भी दिया संदेश

इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन और वन्यजीवों की सुरक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को इकोनॉमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के संतुलित मेल से ही आगे बढ़ाया जा सकता है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा और प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव रंजन कुमार मिश्रा भी इस मौके पर मौजूद रहे।

नतीजा

वन्यजीव प्राणी सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जनहानि पर सहायता राशि बढ़ाने का निर्णय पीड़ित परिवारों को राहत देगा, वहीं नई नीतियां और योजनाएं राज्य को इको-टूरिज्म और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में मदद करेंगी।

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