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चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानिए कैसे चेक करें अपना नाम

वोटर लिस्ट में नाम या विवरण से जुड़ी समस्या होने पर सीधे संपर्क कर सकेंगे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में भले ही अभी कुछ समय बाकी हो, लेकिन चुनावी सरगर्मी धीरे-धीरे तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में आज राज्य निर्वाचन रजिस्टर (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव आयोग नई मतदाता सूची जारी करने जा रहा है। यह कदम लाखों मतदाताओं के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इसके माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है या नहीं।

नई वोटर लिस्ट का प्रकाशन न केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने का भी हिस्सा है। इस सूची के आधार पर ही चुनाव में हर पात्र नागरिक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेगा। आयोग का मानना है कि मतदाता सूची जितनी सटीक होगी, चुनाव उतने ही निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होंगे।


नई वोटर लिस्ट क्यों है अहम?

लोकतंत्र में मतदाता सूची की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। अगर किसी नागरिक का नाम सूची में दर्ज नहीं है, तो वह मतदान करने के अधिकार से वंचित हो जाता है। यही कारण है कि चुनाव आयोग समय-समय पर विशेष पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चलाता है, ताकि मतदाताओं को नाम जोड़ने, हटवाने या त्रुटियों को ठीक करने का अवसर मिल सके।

बिहार में पिछले कुछ महीनों से यह प्रक्रिया जारी थी। इस दौरान मतदाताओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन करने का मौका दिया गया। आपत्तियां और दावे प्राप्त करने के बाद आयोग ने उनका निस्तारण किया और अब संशोधित मतदाता सूची आज प्रकाशित की जा रही है।

नई सूची से उन मतदाताओं को भी राहत मिलेगी जिन्होंने आवेदन करने के बावजूद अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होने की शिकायत की थी। अब वे अपना नाम और विवरण जांच सकेंगे और समय रहते सुधार कर पाएंगे।


अगर नाम गायब है या गलती रह गई है तो क्या करें?

अक्सर मतदाता सूची में नाम गलत दर्ज हो जाता है या किसी कारण से गायब हो जाता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने आसान प्रक्रिया निर्धारित की है।

  • फॉर्म-6: यदि किसी पात्र नागरिक का नाम सूची में दर्ज नहीं है, तो नया नाम जुड़वाने के लिए यह फॉर्म भरना होगा।
  • फॉर्म-8: अगर नाम, पता, उम्र या अन्य विवरण में कोई त्रुटि रह गई है, तो इस फॉर्म के जरिए सुधार कराया जा सकता है।

मतदाता सीधे अपने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क कर सकते हैं। वहीं, जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DM) भी इस प्रक्रिया की निगरानी करते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह सुधार प्रक्रिया चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक जारी रहेगी। यानी अंतिम सूची तभी तैयार होगी जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा।


अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

डिजिटल इंडिया के इस दौर में चुनाव आयोग ने मतदाताओं को तकनीक का भरपूर फायदा दिया है। अब मतदाता घर बैठे अपना नाम और विवरण ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।

  1. राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) पर जाएं।
  2. “Search in Electoral Roll” विकल्प चुनें।
  3. EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि दर्ज करें।
  4. इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप से भी यही सुविधा उपलब्ध है।

इस प्रक्रिया से लोगों को न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से भी छुटकारा मिलेगा।


ऐतिहासिक संदर्भ: मतदाता सूची में सुधार का महत्व

भारतीय चुनाव आयोग का गठन 1950 में हुआ था और तब से लेकर अब तक आयोग लगातार मतदाता सूची को सटीक और व्यापक बनाने के प्रयास करता रहा है। हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण अनिवार्य प्रक्रिया है।

पूर्व में कई बार ऐसी शिकायतें सामने आईं कि पात्र मतदाता का नाम सूची में नहीं था या मृत व्यक्तियों के नाम अब भी बने हुए थे। इन समस्याओं को दूर करने के लिए आयोग ने BLO प्रणाली लागू की और अब तकनीक के जरिए पारदर्शिता और भी बढ़ गई है।

बिहार जैसे बड़े राज्य में, जहां प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं की संख्या अधिक है, मतदाता सूची की सटीकता और भी ज्यादा अहम हो जाती है।


आयोग की अपील और पारदर्शिता पर जोर

मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आज जारी होने वाली मतदाता सूची में अपना नाम जरूर जांचें। अगर किसी भी तरह की त्रुटि मिले तो तुरंत सुधार के लिए आवेदन करें।

आयोग का मानना है कि “सशक्त लोकतंत्र की नींव सटीक मतदाता सूची है।” यही कारण है कि आयोग बार-बार नागरिकों से अपील करता है कि वे जागरूक रहें और समय पर अपने दस्तावेज और विवरण अपडेट कराएं।


आगामी चुनाव और मतदाता सूची की भूमिका

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में युवा और पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की भूमिका काफी अहम होगी। चुनाव आयोग ने भी 18 से 19 वर्ष के युवाओं पर विशेष ध्यान दिया है।

नई मतदाता सूची से यह भी स्पष्ट होगा कि राज्य में कितने नए मतदाता जुड़े हैं और किस तरह का जनसांख्यिकीय बदलाव आया है। राजनीतिक दल भी इस सूची पर गहरी नजर रखे हुए हैं क्योंकि यही आंकड़े उनकी चुनावी रणनीति तय करेंगे।

आज जारी होने वाली संशोधित मतदाता सूची केवल एक प्रशासनिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। यह हर उस नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहता है।

अब यह जिम्मेदारी मतदाताओं की है कि वे अपनी प्रविष्टियां जांचें और किसी भी त्रुटि को समय रहते सुधारें। चुनाव आयोग ने इसके लिए हर सुविधा उपलब्ध कराई है—चाहे वह ऑनलाइन पोर्टल हो, मोबाइल ऐप हो या बूथ लेवल ऑफिसर की मदद।

नई मतदाता सूची न केवल चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी बल्कि यह भी तय करेगी कि लोकतंत्र के इस महापर्व में हर पात्र नागरिक की आवाज शामिल हो।

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