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Uttarakhand: गरीबों और वंचितों तक पहुंचेगी योजनाओं की रोशनी: सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण बहुउद्देशीय शिविर रथ’ को दिखाई हरी झंडी

देहरादून, सोमवार। उत्तराखंड में गरीब, जरूरतमंद और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल लगातार नए आयाम गढ़ रही है। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री ने कैंप कार्यालय से डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण बहुउद्देशीय शिविर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ आगामी 125 दिनों तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में भ्रमण करेगा और 240 बहुउद्देशीय शिविरों के माध्यम से सरकार की योजनाओं को सीधे जनता तक पहुँचाने का कार्य करेगा।


योजनाओं का सीधा लाभ

मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुँचे। उन्होंने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से न केवल योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, बल्कि लाभार्थियों को मौके पर ही सेवाओं का फायदा मिलेगा।

धामी ने बताया कि इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य है –

  • ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और वंचित वर्ग तक सरकार की योजनाओं को पहुँचाना।
  • ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करना।
  • लाभार्थियों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने से बचाना।
  • योजनाओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करना।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिविरों के आयोजन के दौरान वरिष्ठ अधिकारी अनिवार्य रूप से मौजूद रहें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जरूरतमंद को बिना समाधान के शिविर से लौटना न पड़े।


125 दिन, 240 शिविर, हजारों लाभार्थी

यह विशेष रथ 125 दिनों तक राज्यभर में भ्रमण करेगा और अलग-अलग जिलों व ब्लॉकों में कुल 240 शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, कृषि, पशुपालन, उद्यान, शिक्षा, ग्रामीण विकास और अन्य विभागों से जुड़ी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बहुउद्देशीय शिविर प्रशासनिक सुधार का एक सशक्त माध्यम हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में होने वाली देरी, जटिल प्रक्रियाएं और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।


मौके पर ही होगा समाधान

मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि शिविरों में आने वाली समस्याओं का तत्काल समाधान होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी तरह की फाइल को लंबित न रखा जाए। चाहे वह वृद्धावस्था पेंशन हो, छात्रवृत्ति, विकलांगजन को सहायता, स्वरोजगार योजनाएं हों या फिर महिला कल्याण से जुड़ी सेवाएं – सभी का ऑन-द-स्पॉट निस्तारण होना चाहिए।

धामी ने कहा कि यह शिविर सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं हैं, बल्कि गरीब और वंचित वर्ग के लिए सरकार की संवेदनशीलता और सेवा भाव का प्रतीक हैं।


सामाजिक समरसता का संदेश

‘डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण बहुउद्देशीय शिविर रथ’ का नामकरण अपने आप में सामाजिक न्याय और समरसता का संदेश देता है। बाबा साहेब अंबेडकर ने समाज के सबसे कमजोर तबके के उत्थान के लिए जीवन समर्पित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए गरीबों और वंचितों तक योजनाओं की रोशनी पहुँचाई जाएगी।


गणमान्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष देशराज कर्णवाल, माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार होगा।


प्रशासनिक और राजनीतिक महत्व

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के शिविर न केवल सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि प्रशासनिक दक्षता का भी उदाहरण हैं। जनता का सरकार पर विश्वास तभी बढ़ेगा जब उसे यह अनुभव होगा कि योजनाएं कागजों से निकलकर जमीन पर उतर रही हैं।

साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने की यह पहल मुख्यमंत्री धामी की ग्रासरूट कनेक्ट नीति को भी मजबूत करेंगे.

उत्तराखंड सरकार की यह अनूठी पहल आने वाले महीनों में हजारों गरीब, जरूरतमंद और वंचित परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण बहुउद्देशीय शिविर रथ न केवल योजनाओं को जनता तक पहुँचाने का माध्यम है, बल्कि यह राज्य सरकार की पारदर्शिता, सेवा भाव और विकास की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।

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