
नई दिल्ली: देश के मौसम का मिज़ाज इन दिनों बेहद बदला-बदला सा है। कहीं झमाझम बारिश से लोग बेहाल हैं, तो कहीं भीषण गर्मी और उमस ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले चार दिनों में कई राज्यों में मौसम का बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
जहां एक ओर ओडिशा में रेड अलर्ट जारी किया गया है, वहीं छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में 26 से 30 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस समय गर्मी और उमस का कहर जारी रहेगा।
दिल्ली: बारिश से दूरी, गर्मी का सितम जारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 24 सितंबर को मॉनसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। इसके बाद से मौसम में नमी और उमस बढ़ गई है और धूप के कारण गर्मी का प्रकोप दोबारा लौट आया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 27 सितंबर से 29 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर में बारिश की कोई संभावना नहीं है। साफ आसमान और तेज धूप के चलते अधिकतम तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। उमस भरी गर्मी के चलते लोग फिर से एयरकंडीशनर और कूलर का सहारा लेने को मजबूर हैं।
ओडिशा में रेड अलर्ट, कई राज्यों में भारी बारिश का खतरा
मौसम विभाग ने ओडिशा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले तीन से चार दिनों तक यहां भारी से अति भारी बारिश होने का अनुमान है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।
IMD का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से इन राज्यों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। इससे नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा भी मंडरा सकता है।
उत्तराखंड और हिमालयी राज्य: फिर बरसेंगे बादल
उत्तर भारत के कई हिस्सों से भले ही मॉनसून विदा हो रहा हो, लेकिन पहाड़ी राज्यों में इसका असर अभी भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 27 से 30 सितंबर तक गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश से भूस्खलन और पहाड़ दरकने जैसी घटनाओं की आशंका जताई गई है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश: उमस भरी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत कई हिस्सों में इन दिनों चिलचिलाती गर्मी और उमस ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।
मौसम विभाग के अनुसार, 1 अक्टूबर तक राज्य में बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। अधिकतम तापमान लगातार 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है, जबकि उमस से लोग बेहाल हैं।
मध्य और पूर्वी भारत: झमाझम बारिश की संभावना
मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और विदर्भ के कई हिस्सों में 27 से 30 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी भारी बारिश के साथ-साथ तेज़ हवाओं और आंधी की संभावना है। इससे ग्रामीण इलाकों में खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए पहले से आवश्यक कदम उठाएं।
महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा: 30 सितंबर तक बारिश का दौर
मौसम विभाग ने मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के लिए 26 से 30 सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने की आशंका है, ऐसे में मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मॉनसून विदाई और मौसम का बदलता पैटर्न
दिल्ली समेत उत्तर भारत से भले ही मॉनसून लौट चुका हो, लेकिन दक्षिण और पूर्वी भारत में यह अभी सक्रिय है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मॉनसून की विदाई में देरी हो रही है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी आने के कारण सितंबर के अंतिम सप्ताह तक बारिश का सिलसिला कई राज्यों में बना रह सकता है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) भी इस असामान्य मौसम के पीछे एक बड़ा कारण है। जहां एक ओर दिल्ली और यूपी जैसे राज्यों में असमय गर्मी लौट आई है, वहीं दक्षिण और पूर्वी राज्यों में बारिश का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा।
आमजन और प्रशासन के लिए सलाह
IMD ने भारी बारिश वाले राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से नदियों और नालों के पास न जाएं और मौसम विभाग की एडवाइजरी पर नज़र बनाए रखें। वहीं प्रशासन को आपदा प्रबंधन की तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
कुल मिलाकर, सितंबर के अंतिम सप्ताह में देश का मौसम चरम पर है। एक ओर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में उमस और गर्मी से लोग परेशान हैं, वहीं ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में भारी बारिश का कहर बरस रहा है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जहां पारा चढ़ रहा है, वहीं ओडिशा, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आसमान से पानी की मार पड़ रही है। मौसम का यह विरोधाभासी स्वरूप इस बात का संकेत है कि बदलते समय में प्रकृति के तेवर भी और अधिक अनिश्चित होते जा रहे हैं।