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CBI की बड़ी सफलता: फरार आरोपी परमिंदर सिंह UAE से प्रत्यर्पित, जानिए किन मामलों में है आरोपी

नई दिल्ली। भारत की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को इंटरपोल चैनल्स के जरिए बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से फरार चल रहे परमिंदर सिंह उर्फ निर्मल सिंह उर्फ पिंडी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारत लाया गया है। परमिंदर सिंह पर आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने, रंगदारी, हत्या की कोशिश और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर आरोप हैं। पंजाब पुलिस के लिए उसकी गिरफ्तारी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी। अब उसके भारत पहुंचने के बाद कई आपराधिक और आतंकी मामलों की गुत्थियां सुलझने की उम्मीद है।


पंजाब पुलिस की टीम लेकर आई भारत

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत से फरार होने के बाद परमिंदर सिंह लंबे समय से विदेश में छिपा हुआ था। उसके खिलाफ पंजाब पुलिस ने कई मामलों में आरोप तय किए थे, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था।
इस मामले में CBI की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (IPCU) ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, अबू धाबी स्थित नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) और पंजाब पुलिस के साथ समन्वय कर पूरी रणनीति बनाई।

आखिरकार, 26 सितंबर 2025 को पंजाब पुलिस की विशेष टीम अबू धाबी गई और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे भारत लेकर आई। दिल्ली पहुंचने के बाद आरोपी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पंजाब पुलिस की कस्टडी में सौंप दिया गया।


रेड नोटिस ने बनाया रास्ता आसान

परमिंदर सिंह को पकड़ने का रास्ता इंटरपोल के रेड नोटिस से साफ हुआ। दरअसल, 13 जून 2025 को पंजाब पुलिस के आग्रह पर CBI ने इंटरपोल से रेड नोटिस जारी कराया था।

रेड नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी एक अंतरराष्ट्रीय अलर्ट होता है, जिसे दुनिया की पुलिस एजेंसियों को भेजा जाता है। इसका मकसद होता है कि कोई भी अपराधी यदि किसी अन्य देश में छिपा हुआ है तो उसे वहां की स्थानीय एजेंसियां गिरफ्तार करें और फिर मूल देश को प्रत्यर्पित किया जा सके।

UAE की एजेंसियों ने इस नोटिस के आधार पर परमिंदर सिंह को हिरासत में लिया और फिर कानूनी औपचारिकताओं के बाद भारत प्रत्यर्पित करने पर सहमति जताई।


कौन है परमिंदर सिंह?

परमिंदर सिंह उर्फ निर्मल सिंह उर्फ पिंडी का नाम पंजाब पुलिस की वांछित सूची में लंबे समय से शामिल था। उस पर आरोप है कि वह विदेशों से हवाला और अन्य अवैध चैनलों के जरिए फंड जुटाकर पंजाब में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता था।

इसके अलावा, उस पर रंगदारी वसूली, आपराधिक धमकी, गैंगस्टर नेटवर्क से जुड़ाव और हत्या की कोशिश जैसे कई संगीन आरोप भी हैं। पंजाब में सक्रिय अपराधियों और आतंकी समूहों के साथ उसके लिंक होने की भी जांच एजेंसियों को जानकारी मिली थी।

सूत्रों का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी से पंजाब और अन्य राज्यों में फैले आपराधिक नेटवर्क के कई राज़ सामने आ सकते हैं।


CBI और इंटरपोल का बढ़ता सहयोग

CBI भारत में इंटरपोल की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) के रूप में काम करती है। यानी कि जब भी किसी फरार अपराधी का मामला होता है, तो भारत की ओर से इंटरपोल के साथ तालमेल CBI ही करती है।

इंटरपोल से जुड़े मामलों में CBI का काम सिर्फ सूचना साझा करना ही नहीं है, बल्कि अन्य देशों की एजेंसियों के साथ कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाना भी है। इसमें विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और स्थानीय पुलिस एजेंसियों के साथ समन्वय की बड़ी भूमिका होती है।

पिछले कुछ सालों में इंटरपोल चैनल्स की मदद से 130 से ज्यादा वांछित अपराधियों और आर्थिक अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित किया जा चुका है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है और इससे भारत की वैश्विक स्तर पर जांच एजेंसियों के साथ साझेदारी भी मजबूत हुई है।


भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए अहम कामयाबी

परमिंदर सिंह का प्रत्यर्पण भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। पंजाब में लंबे समय से संगठित अपराध और आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच चल रही है। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी से कई पुराने मामलों की तह तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि उसकी पूछताछ से न केवल पाकिस्तान में बैठे आतंकी नेटवर्क और फंडिंग चैनलों की जानकारी मिल सकती है, बल्कि पंजाब और देशभर में सक्रिय अपराधियों के गठजोड़ का भी खुलासा हो सकता है।


प्रत्यर्पण में क्यों लगती है देरी?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी अपराधी को प्रत्यर्पित करना आसान काम नहीं होता। हर देश की अपनी कानूनी प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन करना पड़ता है।
कई बार आरोपी शरण (Asylum) लेने का दावा करता है, या फिर वहां की अदालतों में कानूनी लड़ाई लंबी खिंच जाती है। यही वजह है कि भारत से फरार कई अपराधियों के प्रत्यर्पण में सालों लग जाते हैं।

परमिंदर सिंह के मामले में भी यही चुनौती थी, लेकिन CBI और पंजाब पुलिस ने लगातार प्रयास जारी रखे और आखिरकार उसे भारत वापस लाने में सफलता मिली।


आगे की कानूनी कार्रवाई

फिलहाल, परमिंदर सिंह को पंजाब पुलिस की कस्टडी में रखा गया है। माना जा रहा है कि उसकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। आने वाले दिनों में उसे अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस उसकी रिमांड मांग सकती है।

उससे पूछताछ के दौरान पंजाब और अन्य राज्यों में सक्रिय आपराधिक गिरोहों के खिलाफ ठोस सबूत मिलने की उम्मीद है। इससे कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में बड़ी मदद मिलेगी।

CBI और पंजाब पुलिस की संयुक्त कोशिशों से परमिंदर सिंह जैसे वांछित अपराधी का भारत प्रत्यर्पण सिर्फ एक कानूनी सफलता नहीं है, बल्कि यह संदेश भी है कि भारत अब फरार अपराधियों को कहीं भी छिपने नहीं देगा।

यह मामला भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पकड़ और इंटरपोल जैसे संगठनों के साथ सहयोग की गहराई को भी दर्शाता है। आने वाले समय में उम्मीद है कि इसी तरह भारत अन्य फरार अपराधियों को भी वापस लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा.

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