
नई दिल्ली: इस साल मानसून ने देशभर में तबाही मचाई है। जून से सितंबर तक उत्तर भारत, हिमालयी राज्यों और दिल्ली-एनसीआर जैसे मैदानी इलाकों में लगातार भारी बारिश और बाढ़ की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब में नदियां उफान पर रहीं, खेतों में लगी फसलें बह गईं और हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए। दिल्ली में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई, तो पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने तबाही मचाई। श्री माता वैष्णो देवी धाम में हुए लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं ने लोगों को हिला कर रख दिया।
सितंबर आते-आते यह उम्मीद जगी थी कि अब बारिश का दौर थमेगा और मानसून धीरे-धीरे विदा होगा। मगर मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि इस बार मानसून 15 अक्टूबर तक देश में सक्रिय रह सकता है। यानी नवरात्रि और दशहरे जैसे त्योहारों के दौरान भी बारिश का असर देखने को मिल सकता है।
मानसून की वापसी में देरी
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार मानसून सामान्य से देर से लौटेगा। आमतौर पर सितंबर के आखिरी हफ्ते तक मानसून की वापसी शुरू हो जाती है, लेकिन 2025 में यह प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक खिंचने की संभावना है। इसका मतलब है कि अगले तीन हफ्तों तक कई इलाकों में भारी बारिश जारी रह सकती है।
अगले दिनों का मौसम अलर्ट
मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार:
- ओडिशा: 23 से 27 सितंबर के बीच कई जगहों पर भारी बारिश।
- झारखंड: 24 से 27 सितंबर के बीच बारिश का दौर।
- तटीय आंध्र प्रदेश और यनम: 24 से 27 सितंबर तक भारी वर्षा की संभावना।
- पूर्वोत्तर भारत: अगले 2-3 दिनों तक लगातार तेज बारिश।
- पश्चिम मध्य प्रदेश: 22 सितंबर को भारी बारिश।
- बिहार: 25 से 27 सितंबर तक अच्छी बारिश का अनुमान।
- अंडमान-निकोबार: 24 और 25 सितंबर को तेज वर्षा।
- पश्चिम बंगाल (गंगा के तटीय इलाके): 22 और 23 सितंबर को भारी बारिश।
- छत्तीसगढ़ और विदर्भ: 24 से 27 सितंबर के बीच लगातार वर्षा।
पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों तक गरज-चमक के साथ छींटे पड़ेंगे और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
यूपी में कैसा रहेगा मौसम
उत्तर प्रदेश में मानसून धीरे-धीरे विदा हो रहा है। इसी कारण बारिश का औसत घटने लगा है।
- अगस्त 2025: सामान्य से 2% कम बारिश।
- 20 सितंबर तक: सामान्य से 3% कम बारिश।
मौसम विभाग का अनुमान है कि यूपी से मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकती है। इसका मतलब है कि इस बार नवरात्रि और दशहरे पर भी कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है।
पूर्वी बनाम पश्चिमी यूपी
- पूर्वी यूपी: अभी भी हल्की से मध्यम बारिश जारी है।
- पश्चिमी यूपी: यहां बारिश सामान्य से कम दर्ज हो रही है।
किन जिलों में हुई ज्यादा बारिश
1 जून से 20 सितंबर तक यूपी के संभल, हमीरपुर, एटा, बिजनौर और फिरोजाबाद में सामान्य से अधिक बारिश हुई।
खासकर एटा में हर बार की तरह इस बार भी ज्यादा बारिश हुई। विशेषज्ञों के अनुसार, एटा की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी नमी यहां ज्यादा गुजरती है, जिससे यहां वर्षा अधिक दर्ज होती है।
पिछले 5 साल का बारिश का पैटर्न
अगर पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो यूपी में बारिश की स्थिति चिंताजनक रही है:
- 2022: सामान्य से 29% कम बारिश (सबसे कम)।
- 2023: सामान्य से 17% कम बारिश।
- 2024: सामान्य के बराबर बारिश।
- 2025 (अब तक): सामान्य से 3% कम।
यह ट्रेंड बताता है कि यूपी में बारिश का असंतुलन लगातार बढ़ रहा है।
लंबे समय तक जारी भारी बारिश और मानसून की देरी से विदाई का असर खेती, बुनियादी ढांचे और आम जनजीवन पर पड़ रहा है।
- खेती: धान और गन्ने की फसलों को नुकसान।
- बाढ़: सड़कों, पुलों और घरों को क्षति।
- धार्मिक स्थल: यात्राओं और तीर्थाटन पर असर।
मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसून की असमानता और अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का साफ संकेत है। आने वाले सालों में बारिश का पैटर्न और भी असामान्य हो सकता है।