
देहरादून/चमोली, 18 सितंबर 2025: उत्तराखंड में लगातार हो रही अतिवृष्टि ने पहाड़ी जिलों में भारी तबाही मचाई है। चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने कई गांवों को प्रभावित किया। कई घर पूरी तरह से मलबे में दब गए और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। आपदा की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार सुबह से ही पूरी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने आईटी पार्क, देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्रदेशभर के प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यहां चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों को और अधिक गति प्रदान की जाए।
घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट करने के निर्देश
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से सीएम धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए विस्तृत जानकारी ली। डीएम ने उन्हें बताया कि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर सुविधा की ज़रूरत है। इस पर सीएम धामी ने तुरंत आदेश दिए कि गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट कर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति तक तुरंत राहत पहुंचाएगी और जरूरत पड़ने पर सेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की अतिरिक्त टीमें भी तैनात की जाएंगी।
मूलभूत सेवाओं की बहाली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पेयजल आपूर्ति, बिजली और नेटवर्क कनेक्टिविटी को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए सड़कें और संचार व्यवस्था दुरुस्त होना सबसे ज़रूरी है।
इसके साथ ही सीएम ने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि प्रभावित गांवों में अस्थायी आश्रय स्थल, भोजन, स्वच्छ पेयजल और आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी
नंदानगर क्षेत्र में घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस बल सक्रिय हो गए थे। राहत और बचाव कार्यों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला गया। अभी भी कई जगहों पर मलबा हटाने का काम जारी है और प्रशासन की टीमें क्विक रिस्पांस मोड पर काम कर रही हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भारी बारिश और मलबा गिरने से कई घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और ग्रामीण दहशत में हैं। हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस के जवान लगातार मौके पर डटे हुए हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में घायलों को इलाज में देरी न हो और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी रेस्क्यू पॉइंट की तरह काम में लाया जाए।
उन्होंने मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए कि हेलीकॉप्टर से मेडिकल टीम और राहत सामग्री की सप्लाई भी तैयार रखी जाए।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आपदा प्रभावित गांवों की निगरानी और नियमित रिपोर्टिंग का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री का वितरण परिवार स्तर तक होना चाहिए ताकि किसी भी गांव या व्यक्ति को नजरअंदाज न किया जाए।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं सीएम
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री धामी सुबह से ही आपदा परिचालन केंद्र और जिला प्रशासन के संपर्क में बने हुए हैं। वह हर घंटे अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। सीएम ने साफ कहा कि यह समय लोगों को भरोसा दिलाने और तुरंत राहत पहुंचाने का है।
उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता है कि हर प्रभावित परिवार तक मदद पहुँचे। किसी को भी अपने हाल पर नहीं छोड़ा जाएगा।”
चमोली का नंदानगर क्षेत्र इस वक्त आपदा से जूझ रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन ने दर्जनों घर तबाह कर दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राहत और बचाव कार्यों की खुद मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। घायलों को एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट करने का आदेश, मूलभूत सेवाओं की बहाली और अधिकारियों को सख्त निर्देश यह दर्शाते हैं कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
जनता भी अब उम्मीद लगाए बैठी है कि प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई जल्द ही हालात को सामान्य बनाने में सफल होगी।