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“ऑनलाइन लेबर सेस मैनेजमेंट सिस्टम” – उत्तराखंड सरकार की ऐतिहासिक डिजिटल पहल

देहरादून: डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति देते हुए उत्तराखंड श्रमायुक्त कार्यालय ने ऑनलाइन लेबर सेस मैनेजमेंट सिस्टम विकसित और लागू कर देशभर में एक मिसाल पेश की है। इस अभिनव पहल के साथ श्रम कल्याण प्रशासन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।

पुरानी व्यवस्था की चुनौतियाँ

अब तक लेबर सेस का आकलन और जमा पूरी तरह ऑफलाइन माध्यम से होता था। इसमें मैनुअल रिकॉर्ड, लंबी प्रक्रियाएँ और विभागीय शिथिलता के कारण कई अनियमितताएँ सामने आती थीं।

  • परियोजनाओं का सही आकलन मुश्किल होता था
  • समय पर समीक्षा और निगरानी संभव नहीं थी
  • सेस संग्रह की वास्तविक स्थिति अक्सर अस्पष्ट रहती थी

इन चुनौतियों से राज्य सरकार और श्रमिक दोनों प्रभावित होते थे। पारदर्शिता की कमी और प्रक्रियाओं में देरी से योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पाता था।

अभिनव डिजिटल समाधान

इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UKBOCW) ने बिना किसी सरकारी अथवा विभागीय व्यय के इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की परिकल्पना की। खास बात यह है कि इस पहल में किसी प्रकार का अतिरिक्त राजकोषीय बोझ नहीं डाला गया।

एचडीएफसी बैंक ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) कार्यक्रम के तहत तकनीकी और वित्तीय सहयोग देकर इस प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

इस डिजिटल पहल के परिणाम केवल कुछ महीनों में ही स्पष्ट होने लगे।

  • 📈 एक वर्ष में 60% राजस्व वृद्धि दर्ज की गई
  • 🏢 10,000 से अधिक प्रतिष्ठानों का ऑनलाइन पंजीकरण हुआ
  • ✅ सेस प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही में अभूतपूर्व सुधार देखा गया

इससे न केवल श्रम कल्याण योजनाओं को समय पर संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं बल्कि निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

राष्ट्रीय स्तर पर सराहना

इस परियोजना को भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भी विशेष सराहना दी है। माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, सचिव और संयुक्त सचिव ने इसे एक मॉडल पहल करार दिया, जिसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।

सोमवार को भारत सरकार के संयुक्त सचिव अशुतोष की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें इस प्रणाली की राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिकृति (replication) पर चर्चा हुई। इसमें यह तय किया गया कि इस मॉडल को अन्य राज्यों के साथ साझा कर वहां भी लागू करने की संभावनाएँ तलाश की जाएँगी।

उत्तराखंड की टीम की भूमिका

इस ऐतिहासिक पहल में उत्तराखंड से श्रमायुक्त पी. सी. डुम्का, परियोजना प्रमुख (UKBOCW) दुर्गा चमोली, तथा एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी टीमवर्क और दूरदर्शिता ने यह दिखा दिया कि अगर सही दिशा और सहयोग मिले तो बिना भारी खर्च के भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को डिजिटल और आधुनिक बनाया जा सकता है।

आदर्श राज्य के रूप में उत्तराखंड

इस सफलता के साथ उत्तराखंड पूरे देश में एक आदर्श राज्य के रूप में उभर कर सामने आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह प्लेटफॉर्म न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि श्रम कल्याण योजनाओं को भी अधिक प्रभावी बनाएगा।

धन्यवाद और भविष्य की राह

राज्य सरकार ने भारत सरकार के नेतृत्व, राज्य नेतृत्व तथा समर्पित श्रम सचिव के सतत सहयोग के लिए आभार जताया। अधिकारियों का कहना है कि यह उपलब्धि उत्तराखंड की प्रशासनिक क्षमता और डिजिटल नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है।

भविष्य में इस प्लेटफॉर्म को और अधिक यूज़र-फ्रेंडली बनाने, डेटा एनालिटिक्स जोड़ने और सभी जिलों में इसके विस्तार की योजना बनाई जा रही है।

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