UP: गाजीपुर में बीजेपी कार्यकर्ता की मौत से मचा बवाल, लाठीचार्ज के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
परिजनों ने न्याय की उठाई मांग, SP ने लाठीचार्ज से किया इनकार, गांव में तैनात हुई भारी फोर्स

गाजीपुरः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में नोनहरा थाना परिसर में मंगलवार रात हुए विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। थाने में धरनारत लोगों पर पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज किए जाने के बाद घायल हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता की गुरुवार सुबह मौत हो गई। इस घटना ने जिले की सियासत को गर्मा दिया है। मृतक की पहचान सियाराम उपाध्याय के रूप में हुई है, जो बीते 16 वर्षों से भाजपा से जुड़े हुए थे।
विवाद की जड़: बिजली खंभे लगाने को लेकर हुआ था झगड़ा
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ईरज राजा ने बताया कि नौ सितंबर को नोनहरा क्षेत्र के एक गांव में बिजली के खंभे लगाने को लेकर ग्राम प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच विवाद हुआ था। मामला थाने तक पहुंचा और इसके बाद एक पक्ष के 20-25 लोग रात में थाने में आकर धरने पर बैठ गए। पुलिस का कहना है कि उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन वे नहीं माने।
धरना स्थल पर अफरातफरी, पुलिस पर लाठीचार्ज के आरोप
धरनारत ग्रामीणों का आरोप है कि आधी रात को अचानक बिजली बंद कर दी गई और फिर पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसी दौरान कई लोग घायल हो गए। इन्हीं घायलों में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय भी शामिल थे, जिनकी बृहस्पतिवार तड़के इलाज के दौरान मौत हो गई।
SP ने किया लाठीचार्ज से इनकार
एसपी ईरज राजा ने हालांकि लाठीचार्ज से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि थाने में बैठे लोगों को रात में वहां से जाने के लिए कहा गया था और इसके बाद वे शांतिपूर्वक चले गए। पुलिस अधिकारी का कहना है कि अफरातफरी के बीच किसी तरह की हिंसा नहीं हुई।
पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और छह अन्य को लाइन हाजिर कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद माहौल गरमाया
सियाराम उपाध्याय की मौत की खबर मिलते ही गांव में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और ग्रामीण इकट्ठा हो गए। लोगों ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताई और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। बढ़ते तनाव को देखते हुए गांव और थाने के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
परिजनों का आरोप – ‘लाठीचार्ज से गई बेटे की जान’
मृतक के पिता गिरिजा उपाध्याय ने मीडिया से कहा कि उन्हें न्याय चाहिए। उनका आरोप है कि पुलिस ने धरने पर बैठे ग्रामीणों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया, जिससे उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया और अब उसकी मौत हो गई है। उन्होंने साफ कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
घायल कार्यकर्ता ने भी लगाए गंभीर आरोप
लाठीचार्ज में घायल भाजपा कार्यकर्ता राजेश राय बागी ने कहा कि वे और उनके साथी सिर्फ जनसमस्याओं को लेकर धरने पर बैठे थे। देर रात करीब डेढ़ बजे अचानक बिजली बंद कर दी गई और फिर पुलिस ने हमला बोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कई लोगों को लाठी से बुरी तरह पीटा गया और घायल होने के बावजूद सही इलाज नहीं मिल पाया।
राजनीतिक रंग लेने लगा मामला
भाजपा कार्यकर्ता की मौत से यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमा गया है। स्थानीय भाजपा नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व भी इस घटना की जानकारी लेकर नाराजगी जता सकता है। वहीं, विपक्षी दल भी इसे लेकर योगी सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में हैं।
गांव में तैनात अतिरिक्त फोर्स
घटना के बाद हालात बिगड़ने से रोकने के लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने आसपास के संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया की निगरानी भी तेज कर दी गई है।
जांच जारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
प्रशासन ने कहा है कि सियाराम की मौत की असली वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलेगा। वहीं, सीओ स्तर के अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है।