
नई दिल्ली, 11 सितम्बर 2025 — एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उनकी जीत पहले से तय मानी जा रही थी, लेकिन इस चुनाव के बाद राजनीति का पारा चढ़ गया है। भाजपा ने दावा किया है कि कम से कम 15 विपक्षी सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की है। इस दावे ने विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भाजपा का दावा: 15 सांसदों ने किया क्रॉस-वोटिंग
भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्ष के भीतर से बड़ी संख्या में क्रॉस-वोटिंग हुई है। पार्टी का दावा है कि एनडीए उम्मीदवार की भारी जीत का मुख्य कारण विपक्षी खेमे में बगावत और असंतोष है।
अभिषेक बनर्जी का आरोप: AAP पर साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में कहा कि इस चुनाव में कुछ विपक्षी सांसदों ने भाजपा को वोट दिया है। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर था।
उन्होंने कहा,
“यह गुप्त मतदान था, इसलिए साफ-साफ कहना मुश्किल है कि क्रॉस-वोटिंग हुई या वोट रद्द कर दिए गए। लेकिन अगर मान भी लें कि क्रॉस-वोटिंग हुई, तो AAP जैसी कुछ पार्टियों में ऐसे सांसद हैं जो खुलेआम भाजपा का समर्थन करते हैं और केजरीवाल के खिलाफ बोलते हैं।”
AAP का पलटवार: आरोपों को बताया निराधार
AAP ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। दिल्ली सरकार के मंत्री और AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा,
“चुनाव आयोग जानता है कि किसने किसे वोट दिया। अगर भाजपा को जानकारी है, तो चुनाव आयोग को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताना चाहिए। विपक्ष पर झूठे आरोप लगाना भाजपा की आदत है।”
विपक्षी खेमे में मंथन शुरू
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हो सकता है कि सभी विपक्षी सांसदों ने सही तरीके से मतदान किया हो और वोट रद्द होने की वजह से परिणाम प्रभावित हुए हों। लेकिन अगर 15 वोट रद्द नहीं हुए हैं, तो 5–7 सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।
चुनाव नतीजों से विपक्ष की एकजुटता पर सवाल
उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने विपक्ष की एकजुटता पर फिर से प्रश्नचिह्न लगा दिया है। संसद सत्र के दौरान INDIA गठबंधन की मजबूती को लेकर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, भाजपा को इस चुनाव में मिली जीत ने उसे और राजनीतिक बढ़त दिला दी है।