
देहरादून : भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और निरंतर निगरानी में प्रशासन और विभागीय टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। प्रदेश में अब तक मलबा आने और भूस्खलन के कारण 1827 स्थानों पर सड़कें बाधित हुई थीं, जिनमें से 1747 सड़कों पर यातायात बहाल कर दिया गया है। शेष 80 सड़कों पर काम तेज़ी से जारी है।
इस तरह 95.62% प्रभावित सड़कों को खोलकर लोगों को राहत दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि मुश्किल हालात के बावजूद तेज़ प्रतिक्रिया और सतत निगरानी के चलते प्रभावित इलाकों में हालात सामान्य बनाने में सफलता मिली है।
पहले से की गई संसाधनों की तैनाती
राज्य सरकार ने बारिश और मलबा आने की आशंका वाले क्षेत्रों में पहले से ही जेसीबी मशीनें और अन्य संसाधन तैनात कर दिए थे। अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए थे कि सड़क बंद होते ही तत्काल कार्रवाई शुरू की जाए।
इस रणनीति का नतीजा यह रहा कि कई क्षेत्रों में सड़कें घंटों के भीतर ही खोल दी गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज़ी से सड़क बहाल होने से राहत सामग्री की आपूर्ति और आवागमन में बड़ी मदद मिली है।
सामान्य से अधिक बारिश की चुनौती
इस साल उत्तराखंड में पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक वर्षा हो रही है। इससे भूस्खलन, नदियों का उफान और ग्रामीण इलाकों में अवरोध जैसी स्थितियां लगातार बनी हुई हैं।
इसके बावजूद मुख्यमंत्री धामी स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और हर स्तर पर समीक्षा बैठकों के जरिए राहत कार्यों की प्रगति पर नज़र बनाए हुए हैं।
सरकार की प्राथमिकता – जनसुरक्षा और सुविधा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी प्रभावित क्षेत्र में लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए सड़क, बिजली, पानी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बहाल करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
राज्य सरकार ने सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। बिजली, जल निगम, स्वास्थ्य, परिवहन और आपदा प्रबंधन विभाग मिलकर त्वरित राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
आपदा प्रबंधन पर मुख्यमंत्री का फोकस
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तरह सक्रिय है और लगातार राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने दोहराया –
“प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सड़क, बिजली, पानी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बहाल करने की निरंतर निगरानी की जा रही है। सभी विभाग समन्वय बनाकर त्वरित राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।”
उत्तराखंड में इस साल सामान्य से अधिक बारिश ने चुनौतियां जरूर बढ़ाई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व और प्रशासन की सक्रियता के कारण राहत कार्यों में तेजी आई है।
प्रदेश सरकार का दावा है कि 95% से ज्यादा सड़कों को खोलकर न केवल लोगों को राहत पहुंचाई गई है, बल्कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति भी सुचारू की गई है। आने वाले दिनों में शेष सड़कों और प्रभावित इलाकों को भी प्राथमिकता के साथ सामान्य स्थिति में लाने का लक्ष्य रखा गया है।



