
देहरादून, 23 अगस्त 2025: देवभूमि उत्तराखंड ने एक बार फिर वैश्विक खेल मंच पर अपनी पहचान दर्ज कराई है। शनिवार को राजधानी देहरादून के हिमाद्री आइस रिंक, रजत जयंती खेल परिसर रायपुर में आयोजित एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी 2025 का भव्य समापन हुआ। प्रतियोगिता में थाईलैंड ने चैंपियनशिप ट्रॉफी अपने नाम की। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे और उन्होंने विजेताओं को पुरस्कृत किया।
11 देशों से 200 खिलाड़ी, भारत ने जीते 4 स्वर्ण
यह प्रतियोगिता विशेष इसलिए भी रही क्योंकि पहली बार भारत ने शीतकालीन खेलों की किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी की। इसमें एशिया के 11 देशों से 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया और 9 अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में अपना दमखम दिखाया। भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 स्वर्ण पदक सहित कई अन्य पदक हासिल किए।
सीएम धामी ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल भारत में शीतकालीन खेलों का नया अध्याय है बल्कि हमारे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनने की प्रेरणा देगा।
“खेलभूमि” के रूप में उभरता उत्तराखंड
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में “खेलो इंडिया” और “फिट इंडिया मूवमेंट” जैसी योजनाओं ने खेल संस्कृति को नई दिशा दी है। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश को “देवभूमि के साथ-साथ खेलभूमि” बनाने की ठोस पहल की है।
उन्होंने बताया कि इसी वर्ष राज्य ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन कर इतिहास रचा, जहां उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर 7वां स्थान प्राप्त किया।
विश्वस्तरीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 517 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाए गए हैं और लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
हिमाद्रि आइस रिंक, जो 14 वर्षों से बंद पड़ी थी, को जीर्णोद्धार कर खिलाड़ियों को समर्पित किया गया। यह देश की एकमात्र ओलिंपिक स्टैंडर्ड आइस रिंक है, जहां अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं।
खेल नीति और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन
राज्य सरकार ने हाल ही में नई खेल नीति लागू की है जिसके अंतर्गत:
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को ‘आउट ऑफ टर्न’ सरकारी नौकरी दी जा रही है।
- खिलाड़ियों के लिए राजकीय सेवाओं में 4 प्रतिशत खेल कोटा पुनः लागू किया गया है।
- स्पोर्ट्स लीगेसी प्लान के तहत 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां स्थापित की जा रही हैं।
- राज्य में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना तेजी से की जा रही है।
- खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, उदीयमान खिलाड़ी योजना, खेल किट योजना, उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और हिमालय खेल रत्न पुरस्कार लागू किए गए हैं।
भारत में शीतकालीन खेलों का भविष्य
सीएम धामी ने विश्वास जताया कि यह प्रतियोगिता भारत में शीतकालीन खेलों के नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीतकालीन प्रतियोगिताओं का हब बनेगा।
समापन समारोह में गूंजा उत्साह
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में खिलाड़ी, प्रशिक्षक, दर्शक और खेल प्रेमी मौजूद रहे। इस अवसर पर विशेष सचिव अमित सिन्हा, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा, एशियन स्केटिंग यूनियन और उत्तराखंड आइस स्केटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
देहरादून में आयोजित यह प्रतियोगिता केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि भारत में शीतकालीन खेलों की संभावनाओं और भविष्य का प्रतीक है। थाईलैंड के चैंपियन बनने के बावजूद भारत के खिलाड़ियों का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा और उत्तराखंड की धरती ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह खेलों के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की राह पर है।