
देहरादून, 13 अगस्त 2025 (सू.वि) — जनपद देहरादून के शहरी इलाकों में सरकारी सस्ता गल्ला राशन वितरण की सुविधा अब और सुलभ हो गई है। जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रिय पहल के चलते लंबे समय से लंबित 17 नई राशन दुकानों के आवंटन का कार्य पूरा हो गया है, जबकि 12 नई दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी, सर्दी और बरसात में लंबी कतारों से राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
वर्षों पुरानी फाइल को निकाला गया बाहर
जिला पूर्ति कार्यालय में नई राशन दुकानों से जुड़ी एक पुरानी फाइल लंबे समय से धूल फांक रही थी। जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान लेते हुए फाइल को बाहर निकाला और तुरंत टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। पहले, सीमित दुकानों के कारण हजारों उपभोक्ताओं को भीड़ में लगकर राशन प्राप्त करना पड़ता था, जिससे खासकर महिलाएं और बुजुर्ग परेशान होते थे।
17 नई दुकानें चालू, 12 के लिए टेंडर
इन्वेस्ट उत्तराखंड पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के बाद, चयन समिति की संस्तुति पर विभिन्न शहरी क्षेत्रों और मोहल्लों में 17 नए उचित दर विक्रेताओं को दुकानें आवंटित कर दी गई हैं।
इसके अलावा, 12 नई दुकानों के लिए भी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये दुकानें मुख्यतः नगर निगम देहरादून, नगर निगम ऋषिकेश और नगर पालिका मसूरी के अंतर्गत स्थित क्षेत्रों में होंगी।
किन क्षेत्रों में निकले टेंडर?
जिला प्रशासन के अनुसार, जिन क्षेत्रों के लिए नई दुकानों के टेंडर जारी किए गए हैं, उनमें शामिल हैं—
- नगर निगम देहरादून: दून विहार जाखन (डालनवाला क्षेत्र), कनाटप्लेस चुक्खुवाला, मियावाला क्षेत्र बालावाला, मोहकमपुर, ब्रहमणवाला, रायपुर प्रथम डांडा लखौण्ड (खुदानेवाला)
- नगर पालिका मसूरी: बार्लोगंज
- नगर निगम ऋषिकेश: अम्बेडकर चौक, अद्वैतानन्द मार्ग, मुखर्जी चौक, इन्द्रा नगर, आशुतोष नगर
जनसुविधा में बड़ा सुधार
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत करने और बढ़ती आबादी के हिसाब से सुविधाओं का विस्तार करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नई दुकानों के खुलने से—
- एक दुकान पर राशन कार्ड धारकों का दबाव कम होगा
- उपभोक्ताओं को नजदीक में सुविधा उपलब्ध होगी
- वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी
- स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर मिलेंगे
क्यों था जरूरी यह कदम?
पिछले कुछ वर्षों में जनपद देहरादून के शहरी क्षेत्रों में आबादी में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन उसी अनुपात में नई राशन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया था। इसके अलावा, कई उचित दर विक्रेताओं के निधन या त्यागपत्र देने से दुकानों की संख्या और भी कम हो गई थी। नतीजतन, बचे हुए विक्रेताओं की दुकानों पर उपभोक्ताओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी।
आगे की योजना
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने की सुविधा दी गई है, ताकि अधिक से अधिक योग्य आवेदक इसमें भाग ले सकें। चयनित विक्रेताओं को लाइसेंस जारी होने के तुरंत बाद दुकानें चालू करने के निर्देश होंगे।
यह पहल देहरादून में राशन वितरण व्यवस्था को मजबूत बनाने और आम जनता को बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। प्रशासन को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सभी नई दुकानों के चालू हो जाने से भीड़, लंबी कतारें और दूर-दूर जाकर राशन लेने की मजबूरी काफी हद तक खत्म हो जाएगी।