
देहरादून/धराली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा से प्रभावित लोगों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों में लगातार सहयोग जारी है। इसी क्रम में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा भेजी जा रही आपदा राहत सामग्री को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के अंतर्गत यह सहायता भेजी है, जिसमें 10 से 12 दिनों तक के लिए पर्याप्त कच्चा राशन—आटा, चावल, दालें, मसाले, खाद्य तेल—के साथ ही दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएँ शामिल हैं। इनमें टूथपेस्ट, नहाने और कपड़े धोने का साबुन जैसी जरूरी चीजें भी सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर बैंक प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,
“राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस दुख की घड़ी में पूरा उत्तराखंड प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है।”
उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर काम कर रही है, ताकि प्रभावित लोगों को समय पर मदद पहुंचाई जा सके।
सीएसआर की अहम भूमिका
आपदाओं के समय सरकारी प्रयासों के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी राहत और पुनर्वास में अहम योगदान देती है। कोटक महिंद्रा बैंक का यह कदम न केवल स्थानीय लोगों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
बैंक के सर्किल हेड शोभित अग्रवाल ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक हमेशा से सामाजिक जिम्मेदारी के तहत देश और समाज के साथ खड़ा रहा है। “हमारा उद्देश्य प्रभावित लोगों तक तुरंत आवश्यक सहायता पहुंचाना है,” उन्होंने जोड़ा।
राहत सामग्री का वितरण
राहत सामग्री का वितरण सेवा इंटरनेशनल (Service International) के सहयोग से किया जाएगा, जो बैंक का इंप्लीमेंटेशन पार्टनर है। सेवा इंटरनेशनल की टीम प्रभावित इलाकों में जाकर यह सुनिश्चित करेगी कि हर जरूरतमंद परिवार तक राहत सामग्री पहुंचे।
इस अवसर पर अपर सचिव मनमोहन मेंनाली, बैंक के एरिया हेड अनुज कपूर, रजत जैन, और सेवा इंटरनेशनल के पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने राहत अभियान के सफल संचालन के लिए सामूहिक प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया।
धराली में आपदा की पृष्ठभूमि
धराली में हाल ही में बादल फटने और भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ था। नदी-नालों के उफान और मलबे के चलते कई घर, होटल और दुकानें प्रभावित हुईं। स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्वयंसेवी संगठन राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने पहले भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया था और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया था।
निजी संस्थानों के सहयोग से बढ़ी उम्मीदें
आपदा प्रबंधन में सरकारी योजनाओं के साथ निजी कंपनियों की भागीदारी राज्य के लिए राहत कार्यों की गति बढ़ाती है। इस तरह के प्रयास प्रभावित परिवारों को मानसिक और आर्थिक संबल देते हैं।
जैसे-जैसे राहत सामग्री धराली पहुंच रही है, स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण जग रही है कि जल्द ही सामान्य जीवन की ओर वापसी संभव होगी।