
नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा, जिसमें स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की बात कही गई है।
स्वास्थ्य देखभाल को दी प्राथमिकता
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”
कार्यकाल में देखी आर्थिक प्रगति
धनखड़ ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए इसे “राष्ट्र के परिवर्तनकारी युग में सेवा का अवसर” बताया। उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को नजदीक से देखने और उसमें योगदान देने को “सौभाग्य” करार दिया।
मार्च में हुए थे अस्पताल में भर्ती
गौरतलब है कि 9 मार्च 2025 को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उन्हें सीने में दर्द और असहजता की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। CCU (क्रिटिकल केयर यूनिट) में इलाज के बाद 12 मार्च को उन्हें छुट्टी दी गई थी।
राज्यपाल और अनुभवी वकील रह चुके हैं धनखड़
उपराष्ट्रपति बनने से पहले जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (2019–2022) रहे। वे राजस्थान से सांसद और विधायक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एक अनुभवी वकील के तौर पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी प्रैक्टिस की है।
TMC सरकार से कई बार हुआ था टकराव
राज्यपाल रहते हुए उनका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ कई बार टकराव हुआ था। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि धनखड़ केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।