
पटना/नालंदा | 12 जुलाई 2025: बिहार में जमीनी विवाद अब जानलेवा रूप लेने लगे हैं। नालंदा जिले के नूरसराय थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (PMCH) में कार्यरत 60 वर्षीय महिला जीएनएम (ग्रेजुएट नर्सिंग मिडवाइफ) सुशीला देवी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
घटना डोईया गांव की है, जहां मृतका सुशीला देवी का अपने ही गोतिया (परिवार के अन्य शाखा) के लोगों से करीब 4 बीघा जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि जमीन पर कब्जे की नीयत से उनकी घात लगाकर हत्या की गई।
रोजाना करती थीं पटना अप-डाउन, नाइट ड्यूटी के दिन गई थीं खेत पर
परिवार वालों के मुताबिक सुशीला देवी हर दिन पटना के पीएमसीएच में ड्यूटी पर जाती थीं। शनिवार को उनकी नाइट शिफ्ट थी, इसलिए सुबह खेत देखने गई थीं। उसी दौरान घात लगाए हमलावरों ने सिर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
मृतका के पति सुनील प्रसाद की पहले ही मौत हो चुकी है। परिवार पर अब बेटा और बहू ही आश्रित हैं। बहू ने पुलिस को बताया कि हमलावर पहले से ही खेत में घात लगाए बैठे थे।
जांच में जुटी पुलिस, आरोपी का आपराधिक इतिहास उजागर
घटना की जानकारी मिलते ही नूरसराय थाना पुलिस मौके पर पहुंची। डीएसपी संजय कुमार जायसवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री) और डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाकर मौके की बारीकी से जांच करवाई गई।
डीएसपी ने बताया,
“यह घटना जमीनी विवाद का नतीजा लगती है। मृतका के पुत्र के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपी की तलाश जारी है।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी पर पूर्व में भी गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह अपने पिता और पत्नी की हत्या जैसे संगीन अपराधों में भी शामिल रह चुका है।
न्याय की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश
घटना के बाद गांव में भारी तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। महिला स्वास्थ्यकर्मी की ड्यूटी के प्रति निष्ठा और परिवार की स्थिति को देखते हुए लोगों में गहरा रोष है।
सवाल बरकरार: जमीनी विवादों में कैसे रोकें हत्याएं?
बिहार में जमीनी विवादों से जुड़ी हत्याओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई मामलों में पुरानी दुश्मनी, कब्जा और प्रशासनिक लापरवाही गंभीर अपराधों में तब्दील हो रही है। इस मामले ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया की गति को कटघरे में ला खड़ा किया है।