
नई दिल्ली/वॉशिंगटन/ब्रासीलिया: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति एक बार फिर वैश्विक मंच पर विवादों का कारण बन गई है। दुनिया भर में टैरिफ लगाने की उनकी रणनीति का अब खुलकर विरोध होने लगा है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप की नई घोषणाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ब्राजील की दो टूक: “हम भी टैरिफ लगाएंगे”
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने ट्रंप को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा,
“अगर हमने कुछ गलत नहीं किया है, तो हमें झुकने की जरूरत नहीं है। अगर अमेरिका हम पर टैरिफ लगाएगा, तो हम भी उन पर जवाबी टैरिफ लगाएंगे।”
लूला का यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान टैरिफ को अमेरिका की सुरक्षा और आर्थिक नीति का केंद्र बिंदु बनाया है।
कनाडा भी टकराव के मूड में
ब्राजील से पहले कनाडा भी ट्रंप की टैरिफ धमकी का जवाब दे चुका है। ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि 1 अगस्त से कनाडा से होने वाले सभी आयातों पर 35% टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने इसका कारण कनाडा द्वारा अमेरिका में फेंटेनाइल जैसे मादक पदार्थों के प्रवाह को रोकने में कथित विफलता बताया।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा:
“हम अपने वर्कर्स और व्यवसायों का डटकर बचाव कर रहे हैं। हम अमेरिका के साथ मिलकर फेंटेनाइल संकट पर काम कर रहे हैं और अपनी व्यापारिक साझेदारियों को मज़बूत बना रहे हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कनाडा टैरिफ वार से पीछे नहीं हटेगा और राष्ट्रहित में नई परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगा।
ट्रंप का अल्टीमेटम और बातचीत का संकेत
हालाँकि ट्रंप ने अपने पत्र में बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है। उन्होंने लिखा:
“अगर कनाडा फेंटेनाइल के प्रवाह को रोकने के लिए हमारे साथ सहयोग करता है, तो टैरिफ को संशोधित किया जा सकता है।”
उनका यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका संभावित व्यापार समझौतों के लिए बातचीत को खुला रखना चाहता है, लेकिन दबाव बनाने की रणनीति भी जारी है।
विश्लेषण: बढ़ सकता है वैश्विक व्यापार तनाव
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी की संभावनाओं के बीच उनकी व्यापार नीतियों को लेकर कई देश चिंतित हैं। टैरिफ को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की रणनीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर असर डाल सकती है। ब्राजील और कनाडा जैसे सहयोगी देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं इस बात का संकेत हैं कि आने वाले महीनों में अमेरिका के साथ व्यापार संबंध और अधिक जटिल हो सकते हैं।