
रांची – झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े देवघर ट्रेजरी केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने संबंधी CBI की क्रिमिनल अपील को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने पाया कि विशेष सीबीआई न्यायालय ने अधिकतम सजा देने के बजाय केवल साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी, जबकि इस अपराध में सात साल तक की सजा संभव है।
सीबीआई की याचिका में छह दोषियों की सजा बढ़ाने की मांग की गई थी, जिनमें लालू यादव, बेक जूलियस और सुबीर भट्टाचार्य शामिल हैं। अन्य तीन दोषियों – आरके राणा, फूलचंद सिंह और महेश प्रसाद की मौत हो चुकी है, इसलिए उनके विरुद्ध सुनवाई नहीं की गई।
क्या है मामला?
देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित इस केस में लालू यादव उस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री और पशुपालन विभाग के प्रभारी मंत्री थे। सीबीआई के अनुसार, लालू यादव को कोषागार में हो रही अनियमितताओं की जानकारी थी, इसके बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
अब आगे क्या?
हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली है। अब यह मामला पुनः सुनवाई के दौर में जाएगा, जहां दोषियों की सजा बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा।