
नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि, ग्राम्य विकास एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की कृषि, बागवानी और ग्रामीण विकास से जुड़ी लगभग 3800 करोड़ रुपये की योजनाओं को विस्तार और क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा। केंद्रीय मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति जताते हुए राज्य को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर, आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। प्रस्तावित योजनाओं में नवाचार, यंत्रीकरण, जैविक खेती, पारंपरिक कृषि को बढ़ावा, और किसानों की आमदनी बढ़ाने वाले उपायों को प्राथमिकता दी गई है।
मुख्य योजनाएं और वित्तीय प्रावधान:
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कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए: ₹3800 करोड़ की योजना तैयार।
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कृषि बाड़ निर्माण (जंगली जानवरों से सुरक्षा): ₹1052.80 करोड़।
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10,000 फार्म मशीनरी बैंक: ₹400 करोड़।
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स्टेट मिलेट मिशन (पोषण फसलें): ₹134.89 करोड़।
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सीड हब (बीज उत्पादन): ₹5 करोड़।
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सेब उत्पादन, भंडारण व मार्केटिंग: ₹1150 करोड़।
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कीवी संवर्धन व सुरक्षा: ₹894 करोड़।
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नवाचार व स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन: ₹885.10 करोड़।
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ड्रैगन फ्रूट उत्पादन: ₹42 करोड़।
खाद्य प्रसंस्करण और नई पहलें:
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जैविक खेती हेतु विश्लेषण प्रयोगशालाएं: ₹36.50 करोड़
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भूमि डिजिटल सर्वेक्षण व रिकॉर्ड आधुनिकीकरण: ₹378.50 करोड़
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युवाओं को कृषि दक्षता हेतु पंतनगर विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण योजना: ₹14 करोड़
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एग्रीटूरिज्म स्कूल की स्थापना: ₹14 करोड़
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भरसार विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी लैब: ₹16.11 करोड़
मुख्यमंत्री ने केंद्र से राज्य में सुपरफूड्स (मशरूम व एक्सॉटिक वेजिटेबल्स) के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, नर्सरी, कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग यूनिट जैसी सुविधाओं के लिए भी सहयोग का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) फेज-1 और 2 की समयसीमा बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति दी। साथ ही PMGSY फेज-4 के प्रस्ताव को भी सकारात्मक रूप से स्वीकारने का आश्वासन दिया।
शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “राज्य की कृषि प्राथमिकताओं को केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर देखेगी। किसानों की समृद्धि और पहाड़ी कृषि की मजबूती के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।”
इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत सरकार के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास सचिव सैलेश कुमार सिंह और उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी का यह प्रयास उत्तराखंड की कृषि को तकनीकी, आर्थिक और संरचनात्मक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति से राज्य में कृषक हित में बड़ा निवेश और बदलाव देखने को मिलेगा।