UN में ईरान का ऐलान – “परमाणु संवर्धन कभी नहीं रुकेगा, यह हमारा अधिकार है”: ईरानी राजदूत

तेहरान/न्यूयॉर्क: ईरान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ा और सख्त बयान देकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट कर दिया है कि उसका यूरेनियम संवर्धन (Enrichment) कार्यक्रम किसी भी सूरत में रोका नहीं जाएगा। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी स्थायी प्रतिनिधि अमीर-सईद इरावानी ने कहा है कि यह ईरान का “अविभाज्य अधिकार” है और यह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए पूरी तरह वैध है।
इरावानी ने अमेरिकी चैनल CBS न्यूज से बातचीत में कहा, “हमारा संवर्धन कार्यक्रम कभी बंद नहीं होगा। यह हमारा अधिकार है और हम इसे पूरी शक्ति से आगे बढ़ाएंगे।”
बिना शर्त वार्ता से इनकार
हाल के महीनों में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद, ईरान ने बातचीत के दरवाज़े पूरी तरह बंद नहीं किए हैं। हालांकि, ईरानी राजदूत ने साफ किया कि ईरान बिना शर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा, “बातचीत की गुंजाइश है, लेकिन वह सही समय और उचित परिस्थितियों में ही संभव है। हम किसी के दबाव में आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।”
IAEA के साथ खिंचते रिश्ते, निरीक्षण पर रोक
इरावानी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग में कटौती की भी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ईरान की संसद ने एजेंसी से सहयोग खत्म करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। हालांकि एजेंसी के निरीक्षक अभी भी ईरान में मौजूद हैं, लेकिन उन्हें परमाणु साइट्स तक पहुंच की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, “IAEA निरीक्षक सुरक्षित हैं, लेकिन उनकी गतिविधियां फिलहाल निलंबित हैं। हमने उन्हें मौके नहीं दिए क्योंकि हमें लगता है उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभाया।”
अमेरिका और ट्रंप पर तीखा हमला
इरावानी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग को खारिज किया जिसमें ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की बात कही गई थी। उन्होंने अमेरिका पर ‘नीतिगत अहंकार’ का आरोप लगाते हुए कहा, “अगर अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है तो हम भी हैं, लेकिन अगर वह हम पर अपनी शर्तें थोपना चाहता है तो कोई वार्ता संभव नहीं।”
संवर्धित यूरेनियम को ट्रांसफर करने पर विचार
हालांकि इरावानी ने यह भी संकेत दिया कि अगर अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है, तो ईरान अपने संवर्धित यूरेनियम को किसी तीसरे देश को ट्रांसफर करने पर विचार कर सकता है। “हम लचीलापन दिखाने को तैयार हैं, बशर्ते सम्मानजनक और बराबरी के आधार पर समझौता हो,” उन्होंने कहा।
ईरान का यह रुख वैश्विक शक्तियों, खासकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और IAEA के साथ टकराव को और गहरा कर सकता है। एक तरफ तेहरान अपने परमाणु अधिकारों की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी देश इसे संभावित हथियार कार्यक्रम के रूप में देख रहे हैं। आने वाले हफ्तों में कूटनीतिक हलचल और तेज़ हो सकती है।