उत्तराखंड

उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक अस्मिता को सुरक्षित रखने हेतु संकल्पबद्ध है हमारी सरकार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

खबर को सुने

देहरादून/हरिद्वार: उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक पहचान और सामाजिक संतुलन को संरक्षित रखने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। मुख्यमंत्री ने भीमगोडा, हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि “देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति, डेमोग्राफी और धार्मिक मूल्यों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री धामी ने श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित परमपूज्य संतों, कथा व्यास पूज्य इन्द्रेश उपाध्याय जी सहित सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि संतों का समागम और हरिकथा दोनों दुर्लभ और दुर्लभतम सौभाग्य हैं। “श्रीमद्भागवत महापुराण कोई सामान्य ग्रंथ नहीं, बल्कि स्वयं श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी का मूर्त रूप है,” उन्होंने कहा।

सनातन संस्कृति की पताका विश्व में लहरा रही: सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी सनातन संस्कृति की पताका को विश्व मंच पर गौरव के साथ फहरा रहा है। उन्होंने कहा, “राम मंदिर निर्माण, केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक जैसे प्रकल्प न भूतो न भविष्यति हैं।”

धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और संरक्षण की दिशा में तेज़ी से काम

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार केदारखण्ड और मानसखण्ड क्षेत्र के मंदिरों और तीर्थ स्थलों के सौंदर्यीकरण पर व्यापक कार्य कर रही है। हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर, और शारदा कॉरिडोर जैसे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीर्थाटन और सांस्कृतिक पर्यटन को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना चाहती है।

इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि ‘दून विश्वविद्यालय’ में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज़’ की स्थापना की गई है, जिससे भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

डेमोग्राफिक असंतुलन व सांप्रदायिक घुसपैठ के खिलाफ सख्त रुख

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित और विघटनकारी मानसिकताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। राज्य में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है और समाज में समानता व न्याय सुनिश्चित करने हेतु उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना जिसने “समान नागरिक संहिता (UCC)” कानून लागू किया।

संतों और श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति

हरिद्वार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पूज्य इन्द्रेश उपाध्याय जी, स्वामी राम जी महाराज, स्वामी भूपेन्द्र गिरी जी, महामंडलेश्वर निर्मला बा जी, स्वामी ऋषेश्वरानंद जी, स्वामी हीरा योगी जी, और अन्य पूज्य संतों के साथ प्रसिद्ध गायक बी प्राक भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी का यह संबोधन न केवल उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक जड़ों को मज़बूती से थामे रहने का आह्वान था, बल्कि यह भी संकेत है कि राज्य सरकार अब केवल धार्मिक आस्था के संरक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और जनसंख्यात्मक संतुलन की रक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button