
देहरादून – शहर के सबसे पुराने और भीड़भाड़ वाले व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक आढ़त बाजार को ब्राह्मणवाला स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। गुरुवार को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा आढ़त बाजार पुनर्वास विकास परियोजना को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रभावित दुकानदारों और भू-स्वामियों ने भी भाग लिया।
बैठक के दौरान परियोजना से जुड़े ले-आउट प्लान, दुकानों के डिज़ाइन और अन्य सुविधाओं की जानकारी दी गई। एमडीडीए अधिकारियों के अनुसार, अब तक 70 प्रतिशत प्लॉटिंग और 90 प्रतिशत पार्किंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।
1 जुलाई से भूखंडों का आवंटन शुरू होगा, जो एमडीडीए की पुनर्वास नीति के अनुसार किया जाएगा। बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि आवंटित भूखंडों का कम से कम 10 वर्षों तक क्रय-विक्रय न किया जाए।
इस परियोजना की जद में आने वाले कुल 430 भू-स्वामी/किराएदारों में से 350 ने पुनर्वास का विकल्प चुना है, जबकि 80 ने केवल मुआवजा लेना स्वीकार किया है। मुआवजे की कुल राशि ₹126 करोड़ आंकी गई है।
प्राधिकरण ने मुआवजा वितरण एवं आवंटन से जुड़े विवादों के समाधान के लिए संयुक्त सचिव (एमडीडीए) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया है।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने जानकारी दी कि अब मुआवजा वितरित कर व्यवसायियों को शीघ्र शिफ्ट किया जाएगा। यह कदम देहरादून की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने और सहारनपुर चौक की भीड़ को कम करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।