
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपने खाड़ी देशों के दौरे के अंतिम चरण में हैं और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में उन्होंने अमेरिका और यूएई के बीच 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के कमर्शियल डील्स की घोषणा की। इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊँचाई मिली है।
अमेरिका-UAE के बीच हुईं प्रमुख डील्स:
1. एविएशन डील — 14.5 अरब डॉलर
एतिहाद एयरवेज ने अमेरिकी कंपनियों बोइंग और GE एयरोस्पेस के साथ $14.5 अरब की डील साइन की है, जिसमें GE इंजन से चलने वाले 28 नए बोइंग 787 और 777X विमान शामिल हैं। इससे अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और अनुमानित 60,000 नई नौकरियां सृजित होंगी।
2. एल्युमीनियम परियोजना — 4 अरब डॉलर
एमिरेट्स ग्लोबल एल्युमिनियम ओक्लाहोमा में $4 अरब की लागत से एक आधुनिक एल्युमिनियम स्मेल्टर लगाएगी। यह परियोजना पिछले 45 वर्षों में अमेरिका में बनने वाली पहली नई स्मेल्टर इकाइयों में से एक होगी।
3. ऊर्जा डील — 60 अरब डॉलर
एक्सॉनमोबिल, ऑक्सिडेंटल पेट्रोलियम और ईओजी रिसोर्सेज ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) के साथ मिलकर तेल और गैस उत्पादन विस्तार हेतु 60 अरब डॉलर के समझौते किए हैं। इस साझेदारी से ऊर्जा लागत कम करने और दोनों देशों में कुशल रोजगार बढ़ाने की उम्मीद है।
4. न्यूक्लियर एनर्जी डील — 30 अरब डॉलर तक
होल्टेक इंटरनेशनल और यूएई की IHC कंपनी अमेरिका के मिशिगन में SMR-300 छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर का बेड़ा स्थापित करेंगी। इसमें तत्काल $10 अरब का निवेश और $20 अरब की अतिरिक्त प्रतिबद्धता शामिल है।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस ने इन समझौतों को “दशकों की सबसे बड़ी निवेश उपलब्धि” बताया है और कहा है कि इससे सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और AI जैसी रणनीतिक तकनीकों में अमेरिका की बढ़त सुनिश्चित होगी।
कूटनीतिक महत्व और भव्य स्वागत
ट्रंप के आगमन पर अबू धाबी में भव्य स्वागत हुआ। बुर्ज खलीफा को अमेरिकी ध्वज के रंगों में रोशन किया गया और दुबई की सड़कों पर यूएई और अमेरिका के झंडों से सजावट की गई। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने स्वयं एयरपोर्ट पर ट्रंप का स्वागत किया।
डोनाल्ड ट्रंप का यह खाड़ी दौरा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली रहा। इन डील्स से अमेरिका को व्यापार, तकनीक और रोजगार के क्षेत्र में दीर्घकालिक लाभ मिलने की संभावना है, वहीं यूएई को वैश्विक निवेश के रूप में सुरक्षा और साझेदारी की गारंटी।