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रूस-यूक्रेन युद्ध में ‘गुड न्यूज’? पुतिन ने पहली बार दिखाई शांति वार्ता की स्पष्ट इच्छा

मास्को/कीव/लंदन, 22 अप्रैल 2025: लगभग तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में पहली बार शांति की गंभीर संभावनाएं नजर आ रही हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को संकेत दिया कि रूस अब न सिर्फ सीमित सीजफायर के लिए तैयार है, बल्कि यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय शांति वार्ता के लिए भी इच्छुक है।

पुतिन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों के साथ लंदन में शांति वार्ता की तैयारी हो रही है। यह बैठक पेरिस में हुई पिछली वार्ता का विस्तार मानी जा रही है, जिसमें युद्ध समाप्त करने के संभावित रास्तों पर चर्चा हुई थी।

रूसी राज्य टीवी को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा:

“हम 30 घंटे के ईस्टर सीजफायर के बाद अब और अधिक व्यापक युद्धविराम के लिए तैयार हैं। अगर यूक्रेन की ओर से भी सकारात्मक संकेत मिलता है, तो हम गंभीर शांति वार्ता में भाग लेने को तैयार हैं।”

इसके साथ ही क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी पुष्टि की कि पुतिन की मंशा यूक्रेनी पक्ष के साथ द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत की है – खासकर नागरिक ठिकानों पर हमले रोकने के मुद्दे पर।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन की टिप्पणियों पर सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर बताया कि 23 अप्रैल को यूक्रेन का एक प्रतिनिधिमंडल लंदन वार्ता में शामिल होगा। उन्होंने कहा:

“हम रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, ताकि बिना शर्त युद्धविराम हो और फिर स्थायी शांति की ओर बढ़ा जा सके।”

पिछले हफ्ते अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चेतावनी दी थी कि अगर जल्द कोई प्रगति नहीं हुई, तो अमेरिका शांति वार्ता से खुद को अलग कर सकता है। लेकिन रविवार को ट्रंप ने अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा,

“उम्मीद है कि इस सप्ताह कोई समझौता हो सकता है।”

यह पहली बार है जब पुतिन ने इतनी स्पष्टता के साथ शांति वार्ता की पेशकश की है। हालांकि, जेलेंस्की की चुप्पी और पश्चिमी देशों की सशर्त भागीदारी यह दिखाती है कि वार्ता की मेज तक पहुँचना और समझौते तक पहुंचना अभी भी एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होगी।

  • 23 अप्रैल: लंदन में बहुपक्षीय बैठक
  • निगाहें रहेंगी पुतिन और जेलेंस्की की किसी संभावित प्रत्यक्ष बातचीत पर
  • अमेरिका और यूरोप की मध्यस्थता में तेजी या पीछे हटने की रणनीति स्पष्ट हो सकती है

 

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