
ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद जुबैर उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों को लेकर 24 दिन जेल में बिताने के बाद आखिरकार आज तिहाड़ जेल से रिहा हो गए.
सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी छह प्राथमिकी में अंतरिम जमानत दे दी है.
मोहम्मद जुबैर की रिहाई पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने खुशी जाहिर की है.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘मोहम्मद जुबैर को रिहा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं.यह जुल्म पर आजादी की जीत है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले टिप्पणी करते हुए कहा कि मोहम्मद ज़ुबैर को अंतहीन समय तक हिरासत में रखना ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ से जुड़ा है. यह वेबसाइट साल 2017 में शुरू हुई और दिल्ली पुलिस ने पहला मामला साल 2022 में दर्ज किया. शुरुआत में इसमें IPC की धारा जोड़ी गई फिर आगे जाकर इसमें FCRA भी जोड़ दिया गया.
कोर्ट ने आगे कहा कि ज़ुबैर की गिरफ्तारी 22 जून को हुई और एक दिन की हिरासत मांगी गई फिर इसे बढ़ा दिया गया. कोर्ट ने आगे कहा कि ज़ुबैर के बेंगलुरु वाले घर की 30 जून को तलाशी ली गई. फिर ज़ुबैर की न्यायिक हिरासत हुई. उसके बाद में ज़ुबैर को 15 जुलाई को नियमित बेल दी गई. गौरतलब है कि जांच में फाइल में 7 ट्वीट का जिक्र किया गया है, जो ज़ुबैर द्वारा की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मोहम्मद जुबैर को 20,000 रुपये के जमानत बांड के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुबैर अपने खिलाफ दर्ज सभी या किसी भी प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं.