
हिमाचल प्रदेश में अब विधायकों के लिए दल बदलने का फैसला लेना आसान नहीं होगा। प्रदेश की सरकार ने एक ऐसा बिल पारित किया है, जिससे दल बदलने वाले विधायकों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इस विधेयक में ये है कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए सदस्यों की पेंशन रोक दी जाएगी। इस विधेयक के दायरे में इस साल कांग्रेस से बागी होने वाले 6 विधायक भी आएंगे, जिन्होंने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था और पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया, जिसे चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक का मकसद विधायकों की पेंशन बंद कर उन्हें दल-बदल करने से रोकना है। इस विधेयक के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत किसी भी समय अयोग्य ठहराया गया है, तो वह अधिनियम के तहत पेंशन पाने का हकदार नहीं होगा।