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लोकसभा चुनाव में हार को लेकर यूपी CM योगी ने लखनऊ में की मीटिंग, बताई हार की ये वजह

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इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले उतना बेहतर नहीं रहा. विधायकों और सांसदों की मीटिंग में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर चर्चा होती है. एक तरह से इसे समीक्षा बैठक समझिए. हर दिन सीएम योगी के घर पर किसी न किसी मंडल के जन प्रतिनिधियों की मीटिंग होती है. झांसी मंडल में बीजेपी इस बार लोकसभा की चार में से तीन सीटें हार गई. बांदा, हमीरपुर और जालौन समाजवादी पार्टी के पास चली गईं. जबकि झांसी सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहा. साथ ही बीजेपी को बुंदेलखंड में इतने खराब नतीजे की उम्मीद नहीं थी. इसी दौरान हाल ही में एक बैठक हुई. जब मीटिंग शुरू हुई तो सीएम योगी आदित्यनाथ सांसदों और विधायकों से बोले बताइये चुनाव में हम क्यों हारे !जिस पर विधायक रश्मि आर्य ने जवाब दिया, उन्होंने कहा, अफसर हमारी सुनते ही नहीं हैं. भ्रष्टाचार बढ़ गया है. थाने और तहसील पर पैसा दिए बिना काम नहीं होता है.

फिर योगी आदित्यनाथ ने चर्चा शुरू कर दी, उन्होंने कहा, आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि कम वोट मिले. जितने नेता, उतनी ही बातें. किसी ने कहा पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. अगर टिकट बदल दिया गया होता तो शायद नतीजे कुछ और होते. एक ने तो कहा उम्मीदवारों के बीच सीटों की अदला बदली भी हो जाती तो एक दो सीट तो जीत लेते. एक विधायक ने कहा चुनाव हम ठीक से नहीं लड़ पाए. प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक सब गड़बड़ रहा. एक नेता ने कहा पिछड़े और दलितों में ये मैसेज चला गया कि आरक्षण समाप्त होने वाला है. योगी आदित्यनाथ सबकी बातें चुपचाप सुनते रहे. मीटिंग में एक-एक कर सभी विधायकों ने अपनी-अपनी राय रखी. जब सब बोल लिए तो सबसे आखिर में योगी आदित्यनाथ की बारी आई. उन्होंने जो कहा वो सुन कर सबके चेहरों की हवाइयां उड़ गई. उन्होंने कहा हमारी पार्टी के नेता और जन प्रतिनिधि जमीन से कट गए हैं. वो जनता से दूर चले गए हैं इसीलिए चुनाव में हमारा ये हाल हुआ.

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