
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को पीरियड लीव देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. यह याचिका केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पीरियड लीव देने के लिए नीति बनाने के लिए निर्देश देने के लिए दायर की गई थी. जिस पर विचार करने से कोर्ट ने मना कर दिया है. हालांकि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक मॉडल नीति तय करने के लिए सभी हितधारकों और राज्यों के साथ बातचीत करने को कहा है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकारों को इस पर नीति बनाने की और बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार की नीति का पहलू है जिस पर कोर्ट को गौर नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव और एएसजी ऐश्वर्या भाटी के सामने अपनी बात रखने की छूट देते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सचिव से निवेदन करते हुए कहा कि वह नीतिगत स्तर पर इस मामले को देखें और सभी पक्षों से बात करके फैसला लेकर तय करें कि क्या इस मामले में एक आदर्श नीति बनाई जा सकती है.