नीट एग्जाम में अभी तक तो ग्रेस मार्क्स और ज्यादा टॉपर आने पर ही बवाल मचा हुआ था. अब पटना और गोधरा में इस परीक्षा को लेकर बड़ी धांधली की बात कही जा रही है. पटना से खबर आ रही है कि एग्जाम से पहले वाली रात कई छात्रों को एक कमरे में पेपर सॉल्व करवाए गए. आरोप ये भी है कि कई हजार किलोमीटर दूर से छात्र गोधरा के एक पर्टिकुलर सेंटर में एग्जाम देने आए थे क्योंकि वहां पूरा सिस्टम सेट था. नीट परीक्षा एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) आयोजित कराती है. देश भर डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए करीब 1 लाख सीटें हैं. इनमें से करीब 40 हजार सीटें सरकारी कॉलेजों में हैं.
60 हजार के करीब सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हैं. खेल इन्हीं 40 हजार सीट्स के लिए है क्योंकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 5 साल के कोर्स के लिए एक से सवा करोड़ रुपये तक लगते हैं. सरकारी मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई के लिए 5 साल में औसतन सिर्फ 5 लाख रुपये ही लगते हैं. इस बार 5 मई को पूरे देश में नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी. कुल 23 लाख 33 हजार 297 छात्रों ने परीक्षा दी थी. एग्जाम का रिजल्ट पहले 14 जून को आना था. मगर, 10 दिन पहले 4 जून को घोषित कर दिया गया. यानी वह तारीख जिस दिन लोकसभा चुनावों का भी रिजल्ट आया. रिजल्ट आया तो कई तरह की खामियां नजर आईं. धीरे-धीरे आवाज उठी तो यह पूरा एग्जाम ही एक बड़ा घोटाला नजर आने लगा.