देशफीचर्ड

बांग्लादेशी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, भारत में बसने का दावा नहीं कर सकता विदेशी

खबर को सुने

भारत में विदेशी नागरिकों के रहने और बसने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान किसी विदेशी नागरिक को भारत में निवास करने और बसने के अधिकार का दावा करने की अनुमति नहीं देता है. उसने कहा कि विदेशियों का मौलिक अधिकार जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार तक सीमित है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अजल चकमा नामक व्यक्ति की हिरासत अवैध और बिना अधिकार के थी. बांग्लादेशी अजल चकमा के मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अपने दुखों के लिए खुद दोषी हैं क्योंकि वह यह बताने में विफल रहे हैं कि जब वह बांग्लादेशी पासपोर्ट पर देश छोड़कर चले गए थे तो वह भारत वापस कैसे आए.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने कहा कि हम यह भी संज्ञान में ले सकते हैं कि विदेशी नागरिक यह दावा नहीं कर सकता कि उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ई) के अनुसार भारत में निवास करने और बसने का अधिकार है.उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी विदेशी या संदिग्ध विदेशी का मौलिक अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत घोषित, यानी जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार तक ही सीमित है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह सुझाव दे कि उसकी स्वतंत्रता को अवैध या गैरकानूनी तरीके से कम किया गया है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button