अश्लीलता और हिंसा परोसने वाले OTT प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार बहुद जल्दी शिकंजा कसने जा रही है. सरकार इस संबंध में नया कानून लाने की तैयारी में है. आगामी सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक करीब चार दर्जन ओटीटी प्लेटफॉर्म सरकार की जांच के रडार पर है. इनमें तीन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. नियम का पालन नहीं करने वालों पर अभियोग चलाया जाएगा. मौजूदा समय 57 रिजस्टर्ड ओटीटी प्लेटफार्म्स हैं.जबकि बड़े पैमाने पर ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है और दर्शकों के सामने अश्लीलता परोस रहे हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अश्लीलता परोसने वाले ओटीटी के खिलाफ आईटी नियम-2021 की धारा-67 और 67अ के तहत कदम उठाएगा. एक अधिकारी के मुताबिक हंटर्स, बेशरम और प्राइम प्ले ओटीटी प्लेटफार्म को अश्लील कंटेंट हटाने या फिर कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया गया है. उन्हें इसके अनुपालन का जवाब भी निर्धारित समय में देना है. ओटीटी प्लेटफार्म्स अगर ऐसे कंटेंट को नहीं हटाएंगे जो अश्लीलता की श्रेणी में आते हैं तो उनके खिलाफ आईटी नियम की धाराओं के तहत अभियोग चलाया जाएगा.कानून का पालन नहीं करने वालों को 10 लाख रुपये तक के जुर्माना और 10 साल की जेल का प्रावधान भी है.