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50 साल का इंतजार खत्म, पंजाब को मिला बड़ा तोहफा: मोदी सरकार ने राजपुरा–मोहाली नई रेल लाइन परियोजना को दी मंजूरी

नई दिल्ली। पंजाब को केंद्र सरकार की ओर से रेल कनेक्टिविटी का बड़ा तोहफा मिला है। लंबे समय से अटकी पड़ी राजपुरा–मोहाली नई रेलवे लाइन परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना न केवल मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को सीधे चंडीगढ़ से जोड़ेगी, बल्कि व्यापार, कृषि और पर्यटन को भी नई रफ्तार देगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मंगलवार (23 सितंबर) को परियोजना की आधिकारिक घोषणा की। बिट्टू ने कहा कि लगभग 443 करोड़ रुपए की लागत से 18 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बनाई जाएगी। यह वह परियोजना है जिसकी मांग पंजाब की जनता बीते 50 वर्षों से कर रही थी और अब जाकर यह सपना पूरा होने जा रहा है।


क्यों है यह परियोजना अहम?

अभी तक लुधियाना से चंडीगढ़ जाने वाली सभी ट्रेनों को अंबाला होकर गुजरना पड़ता था। इस कारण यात्रा को 66 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता था। लेकिन नई लाइन बनने के बाद यह दूरी घट जाएगी और यात्रियों को सीधी और तेज सुविधा मिलेगी।

इससे न केवल यात्रियों को समय की बचत होगी बल्कि माल ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। परियोजना पूरी होने के बाद मालवा क्षेत्र का हर जिला सीधे चंडीगढ़ से जुड़ जाएगा।


मालवा क्षेत्र को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

इस नई लाइन का सबसे बड़ा लाभ पंजाब के मालवा क्षेत्र को मिलेगा। मालवा के सभी 13 जिले अब सीधे राजधानी चंडीगढ़ से जुड़ जाएंगे। यह क्षेत्र कृषि और उद्योग दोनों के लिहाज से अहम माना जाता है।

  • किसानों को फायदा: उनकी उपज तेजी से मंडियों और बड़े बाजारों तक पहुंचेगी।
  • उद्योग जगत को फायदा: खासतौर पर राजपुरा थर्मल पावर प्लांट और अन्य औद्योगिक इकाइयों को कच्चा माल और कोयला लाने की लागत कम होगी।
  • पर्यटन को फायदा: मोहाली और चंडीगढ़ से जुड़े क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

राजपुरा-अंबाला रूट पर दबाव घटेगा

अभी तक राजपुरा-अंबाला रेल मार्ग पर यातायात का अधिक दबाव रहता था। नई लाइन तैयार होने के बाद इस रूट पर भीड़भाड़ कम होगी और ट्रेनों का संचालन और बेहतर तरीके से हो सकेगा। साथ ही, अंबाला–मोरिंडा की दूरी भी कम हो जाएगी।


रेलवे मंत्रालय का बयान

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे का बुनियादी ढांचा तेजी से विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा:

“नई लाइन बनने से न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि उद्योग, कृषि और पर्यटन सभी को फायदा होगा। किसानों की उपज बाजार तक जल्दी पहुंचेगी और ढुलाई लागत कम होगी।”

केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इसे पंजाब के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि सरकार ने पंजाब की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है।


स्थानीय नेताओं और जनता की प्रतिक्रिया

परियोजना की घोषणा के बाद पंजाब के विभिन्न हिस्सों में खुशी का माहौल है। स्थानीय नेताओं और व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने इसे “रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मील का पत्थर” बताया है।

लुधियाना के उद्योगपति संगठन ने कहा कि नई रेल लाइन से माल ढुलाई लागत में 15–20 प्रतिशत तक की कमी आएगी। वहीं, किसानों ने उम्मीद जताई कि अब उन्हें अपनी उपज समय पर बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।


50 साल पुराना सपना पूरा

राजपुरा–मोहाली रेल लाइन की मांग 1970 के दशक से की जा रही थी। लेकिन प्रशासनिक अड़चनों और फंड की कमी के कारण यह परियोजना अधर में अटकी रही। अब जाकर मोदी सरकार ने इसे मंजूरी देकर पंजाब के लोगों का दशकों पुराना सपना साकार किया है।


भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई लाइन से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

  • रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने से निवेश के नए अवसर आएंगे।
  • मालवा क्षेत्र का चंडीगढ़ के साथ सीधा संपर्क होने से आईटी और सर्विस सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • यात्रियों के लिए चंडीगढ़ और मोहाली तक पहुंचना आसान होगा, जिससे रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे।

राजपुरा–मोहाली रेल परियोजना की मंजूरी पंजाब के लिए ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि उद्योग, कृषि और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। 50 साल पुराने इस इंतजार का पूरा होना इस बात का सबूत है कि अब पंजाब को रेलवे विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है।

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