अमेरिकी अदालत के फैसले के कारण राणा के प्रत्यर्पण को हरी झंडी मिल मिल सकती है। अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यक्षीकरण रिट को खारिज कर दिया है। राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है। भारत में 2008 में हुए 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले में उसकी संपलिप्तता पाई गई है। भारत ने अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया था। अमेरिकी शहर कैलिफॉर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस फिशर ने दो अगस्त को राणा की याचिका खारिज कर दी।
अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका 26/11 के मुंबई हमलों में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग करता रहता है। हालांकि, विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया एक ‘लंबित मामला’ है। इसलिए, इस तथ्य को देखते हुए कि यह लंबित है, मेरे पास देने के लिए कोई विशेष टिप्पणी नहीं है। मुझे यकीन है कि न्याय विभाग प्रत्यर्पण मामले में आवश्यक उपाय कर सकता है।
जिला न्यायाधीश फिशर ने अपने आदेश में कहा कि राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट में सिर्फ दो बुनियादी दलीलें हैं। जज फिशर के अनुसार, राणा का पहला दावा है कि भारत उनके खिलाफ उन्हीं मामलों में कार्रवाई करेगा, जिस मामले में अमेरिका की अदालत ने उन्हें रिहा कर दिया है। इसलिए उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। याचिका में राणा ने दूसरा तर्क दिया था कि भारत ने अभी तक यह स्थापित नहीं किया कि राणा ने भारत में अपराध किये हैं, जिस वजह से उनपर मुकदमा चलाये जाने की उम्मीद है।