
पटना, 23 जुलाई। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के तहत चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस प्रक्रिया से जुड़े 7 बड़े अपडेट जारी करते हुए बताया कि राज्य में अब तक 20 लाख मृत मतदाता चिह्नित किए गए हैं।
यह खुलासा ऐसे वक्त हुआ है, जब संसद में भी मतदाता सूची को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है।
📋 चुनाव आयोग के 7 बड़े बिंदु:
- ✅ 98.01% मतदाताओं को कवर किया जा चुका है।
- ☠️ 20 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं।
- 🏠 28 लाख वोटर ऐसे मिले जो दूसरी विधानसभाओं में स्थानांतरित हो चुके हैं।
- 🔁 7 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनके नाम दो जगह दर्ज हैं।
- ❓ 1 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका पता नहीं चल सका।
- 📩 15 लाख फॉर्म अभी तक वापस नहीं आए हैं।
- 🗂️ कुल 7.17 करोड़ मतदाताओं (90.89%) के फॉर्म अब तक डिजिटाइज किए जा चुके हैं।
आयोग की मंशा: हर वोटर तक पहुंच
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली संशोधित वोटर लिस्ट को पूरी तरह पारदर्शी और अद्यतन बनाना चाहता है। इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) और राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट्स के सहयोग से हर मतदाता से संपर्क करने का प्रयास जारी है।
सियासी बवाल भी तेज
SIR को लेकर जहां एक ओर चुनाव आयोग सफाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर संदेह गहराता जा रहा है। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा भी देखा गया।
चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़े यह दर्शाते हैं कि मतदाता सूची की सफाई एक तकनीकी रूप से जटिल लेकिन जरूरी प्रक्रिया है। अब सबकी नजर 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली संशोधित मतदाता सूची पर टिकी है।