
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज का दिन कई संवेदनशील और जनहित से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण है। अदालत की बेंचों के समक्ष धार्मिक, सामाजिक, पत्रकारिता और आपराधिक न्याय से जुड़े कई महत्वपूर्ण केस पेश होने जा रहे हैं। इन मामलों में वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन विवाद, मीडिया पेशेवरों के डिजिटल उपकरणों की तलाशी, निठारी कांड में आरोपी सुरिंदर कोली की बरी, जम्मू-कश्मीर की समयपूर्व रिहाई नीति, और ओबीसी आरक्षण पर रोक जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।
🛕 बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन विवाद
सुप्रीम कोर्ट आज उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को ट्रस्ट को सौंपे जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। कोर्ट इस बात पर विचार कर रहा है कि मंदिर के फंड और खर्चों की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए, जिसमें किसी रिटायर्ड हाईकोर्ट जज या वरिष्ठ जिला जज को भी शामिल किया जा सकता है।
🖥️ मीडिया प्रोफेशनल्स के डिजिटल उपकरणों की तलाशी पर गाइडलाइंस
एक अन्य महत्वपूर्ण याचिका में मीडिया कर्मियों के डिजिटल डिवाइस की तलाशी के लिए सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि तलाशी की प्रक्रिया में प्रेस की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है और इसे लेकर स्पष्ट और सुरक्षित प्रक्रिया होनी चाहिए।
🔍 भ्रष्टाचार मामलों में मंजूरी की शर्त पर सुनवाई
कोर्ट में आज उस याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार मामलों में जांच शुरू करने के लिए पूर्व अनुमति की शर्त को चुनौती दी गई है। यह मामला प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ा है।
⚖️ निठारी कांड में आरोपी की बरी के खिलाफ याचिका
उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सुरिंदर कोली की एक अन्य केस में बरी किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। कोर्ट पहले ही कई मामलों में कोली की बरी को बरकरार रख चुका है। आज की सुनवाई से निठारी कांड के पीड़ितों को न्याय की एक और संभावना दिख रही है।
🧬 आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस
पश्चिम बंगाल के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट आज एक इंटरवेंशन एप्लिकेशन पर सुनवाई करेगा। यह मामला पहले कलकत्ता हाईकोर्ट को भेजा गया था, लेकिन अब शीर्ष अदालत फिर से इसे सुन रही है।
🧑🏫 मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम रोक
मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने 4 मई 2022 को ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाई थी, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
नजरें सुप्रीम कोर्ट पर
इन सभी मामलों में कोर्ट के फैसले या टिप्पणियां न सिर्फ संबंधित मामलों के पक्षकारों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय नीति, कानून व्यवस्था और सामाजिक न्याय की दिशा में भी गहरा असर डाल सकती हैं।