केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री तथा आवासन एवं शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के प्रतिष्ठित ड्रिलिंग रिग सागर सम्राट को गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई के रूप में राष्ट्र को पुन: समर्पित करते हुए कहा, ‘”सागर सम्राट का पुन: राज्याभिषेक साहस और अनिश्चितताओं एवं प्रकृति की उथल-पुथल वाली ताकतों के सामने बदलाव लाने की इच्छा का एक साक्षी है।’’
Union Minister of Petroleum and Natural Gas Hardeep S. Re-dedicating Puri Sagar Samrat to the Nation as Dynamic Offshore Production Unit
पुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सागर सम्राट अब एक गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई के रूप में समुद्र पर राज करता है। एक मूल्यवान परिसंपत्ति के पुन: राज्याभिषेक पर ओएनजीसी के ऊर्जा सैनिकों में शामिल हुआ। 1973 में निर्मित सागर सम्राट रिग ने 14 प्रमुख अपतटीय तेल और गैस खोजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और लगभग 125 कुओं को ड्रिल किया था।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह अत्याधुनिक सुविधा केन्द्र 2.36 एमसीएम प्रतिदिन की अधिकतम निर्यात गैस क्षमता के साथ 20,000 बीपीडी कच्चा तेल संचालित करेगी और इससे आने वाले दिनों में भारत के उत्पादन में 6000 बीबीएल/दिन तेल की वृद्धि होने की उम्मीद है।’’
हरदीप एस. पुरी ने कहा, ‘‘2047 तक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की निरंतर यात्रा में एक सकारात्मक कदम के रूप में यह इकाई गहरे पानी में प्रचालन करने में सक्षम होगी और अब तक अप्रयुक्त रहे भंडार तक पहुंचने के नए अवसर खोलेगी।’’
1973 में कमीशन किए गए, सागर सम्राट से वैश्विक तेल मानचित्र पर भारत के तेल भाग्य में असीम बदलाव आया है। 32 वर्षों में, सागर सम्राट ने लगभग 125 कुएं खोदे हैं और भारत में 14 प्रमुख अपतटीय तेल और गैस खोजों में शामिल रहा है।
प्रारंभ में यह एक जैक-अप ड्रिलिंग रिग था, पर सागर सम्राट को अब एक गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई (एमओपीयू) में परिवर्तित कर दिया गया है। टेक्सास में स्थित ब्रिटेन की इंजीनियरिंग और परामर्श समूह वुड ग्रुप की मस्टैंग इकाई ने जहाज के रूपांतरण के लिए फ्रंट-एंड इंजीनियरिंग और डिजाइन का काम किया है।
एमओपीयू सागर सम्राट ने 23 दिसम्बर 2022 को उत्पादन आरंभ किया। पोत वर्तमान में पश्चिमी अपतटीय (डब्ल्यूओ) -16 क्षेत्र में तैनात है, जो मुंबई से 140-145 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। 76 मीटर पानी की गहराई में ओएनजीसी के विद्यमान डब्ल्यूओ-16 वेल हेड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचपी) के निकट स्थित, यह पोत डब्ल्यूओ क्लस्टर में मार्जिनल फील्ड से उत्पादन में सहायक होगा जिससे पश्चिमी अपतट से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। एमओपीयू को प्रतिदिन 20,000 बैरल कच्चे तेल को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है और इसकी अधिकतम निर्यात गैस क्षमता 2.36 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति दिन है।
यह पोत 28 जनवरी, 2023 को मुंबई के पश्चिम में 140-145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सागर सम्राट पर आयोजित एक समारोह में जहाज को गतिशील अपतटीय उत्पादन इकाई (एमओपीयू) के रूप में राष्ट्र को समर्पित किया गया है। इस अवसर पर ओएनजीसी के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार सिंह और पेट्रोलियम सचिव श्री पंकज जैन भी उपस्थित थे।
पुरी ने बाद में ओएनजीसी के ऊर्जा सैनिकों और उनके परिवारों से मिलने के लिए ओएनजीसी केन्द्रीय विद्यालय मैदान, पनवेल फेज-1 का दौरा किया।
उन्होंने ने सागर सम्राट को ड्रिलिंग रिग के रूप में संचालित करने वाले ओएनजीसी के कर्मचारियों और इसे एमओपीयू में बदलने पर काम करने वाली टीम से भी मुलाकात की। उन्होंने सागर सम्राट के क्रू सदस्यों, जिन्हें उन्होंने ‘राष्ट्र के ऊर्जा सैनिक’ कहा, को भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। श्री पुरी ने रेखांकित किया कि कैसे सागर सम्राट हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के मामले में विश्व स्तर पर ‘‘बंजर भूमि’’ के रूप में लेबल किए जाने पर भारत के अपने स्वयं के तेल का उत्पादन करने के विजन का साक्षी है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने कहा कि भारत सरकार का प्रयोजन भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 2025 तक बढ़ाकर 0.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 1.0 मिलियन वर्ग किलोमीटर करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ‘नो गो’ क्षेत्र को 99 प्रतिशत तक कम करने में सफल रही है, जिससे अन्वेषण के लिए भारत के ईईजेड को लगभग एक अतिरिक्त 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर उपलब्ध हो गया है। शेवरॉन, एक्सॉनमोबिल और टोटल एनर्जी जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत के ईएंडपी सेगमेंट में निवेश करने में गहरी रुचि प्रदर्शित कर रही हैं और कुछ पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी को मजबूत करने के लिए पहले से ही ओएनजीसी के साथ वार्ता कर रही हैं।
Union Minister of Petroleum and Natural Gas Hardeep S. Addressing at the inauguration of Puri Sagar Samrat’s Dynamic Offshore Production Unit