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चारधाम यात्रा में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर शंकराचार्य का बयान: तीर्थ की मर्यादा बनी रहे — अविमुक्तेश्वरानंद

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देहरादून – ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आग्रह किया है कि केवल सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हिंदू श्रद्धालु ही इस पवित्र यात्रा में शामिल हों, जबकि गैर-हिंदुओं (विधर्मियों) का चारधाम में प्रवेश वर्जित किया जाना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि तीर्थों की मर्यादा और पवित्रता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, और यह यात्रा आमोद-प्रमोद या पर्यटन का माध्यम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि यदि वे सात्विक भाव से यात्रा करेंगे तो उन्हें निश्चित ही आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होगा।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “जब भी कोई व्यक्ति तीर्थ यात्रा पर निकले, उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह पर्यटन नहीं, बल्कि धर्म और आत्मकल्याण की खोज में है।” उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को दर्शन का अवसर हर हाल में मिलना चाहिए, ताकि कोई भी भक्त देवभूमि से निराश होकर न लौटे।

शंकराचार्य ने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि “कुछ गैर-हिंदू लोग चारधाम और यात्रा मार्गों में बिना रोक-टोक के भ्रमण कर रहे हैं।” उन्होंने इस पर सरकार और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

उन्होंने आगे सुझाव दिया कि यदि किसी श्रद्धालु को यात्रा के दौरान कोई समस्या हो, तो वे इसे लिखित रूप में संबंधित प्रशासन को दें, ताकि उसका समाधान किया जा सके।

इसके साथ ही शंकराचार्य ने पहल्गाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए ज्योतिर्मठ और ब्रह्मकपाल तीर्थ में विशेष श्राद्ध कर्म आयोजित किए जाने की घोषणा की।

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