इंफाल/आइजोल: म्यांमार सेना के तीस और सैनिक, जो चिन राज्य में लोकतंत्र समर्थक बलों द्वारा उनके सैन्य शिविरों पर कब्जा किए जाने के बाद भागकर मिजोरम आए थे, उन्हें बुधवार को मणिपुर की मोरेह सीमा के रास्ते स्वदेश भेज दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि म्यांमार सेना के एक अधिकारी सहित 30 सैनिक मंगलवार को भागकर मिजोरम के सियाहा जिले के तुईपांग गांव में चले आए थे और कुछ दिनों तक वहीं रहने का इरादा रखते थे, क्योंकि उनके चिन राज्य के मोटुपी में उनके शिविरों पर लोकतंत्र समर्थक सशस्त्र बलों ने कब्जा कर लिया था। इस प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “बुधवार दोपहर को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के दो हेलीकॉप्टरों ने मिजोरम के सियाहा जिले से 30 सैनिकों को मणिपुर के मोरेह शहर में पहुंचाया, जहां उन्हें म्यांमार के सैन्य प्राधिकरण को सौंप दिया गया।
चिन नेशनल ऑर्गनाइजेशन की सशस्त्र शाखा चिन नेशनल डिफेंस फोर्स द्वारा चिन राज्य में उनके शिविरों पर कब्जा करने के बाद 13 नवंबर से अधिकारियों सहित 74 म्यांमार सेना के सैनिक अलग-अलग फेज में भारतीय क्षेत्र में भागकर आ गए थे। असम राइफल्स को सौंपे जाने से पहले सैनिकों को मिजोरम पुलिस ने चम्फाई जिले में पकड़ लिया था। सैनिकों के अलावा, म्यांमार के तातमाडॉ (सैन्य) और सीएनडीएफ कैडरों के बीच गोलीबारी के बाद पिछले दो हफ्तों के दौरान महिलाओं और बच्चों सहित 2,500 से अधिक म्यांमारियों ने मिजोरम के चम्फाई जिले में शरण ली है। जिला प्रशासन ने शरणार्थियों को भोजन और राहत सामग्री उपलब्ध कराई है।